अभिषेक जायसवाल, वाराणसीउत्तर प्रदेश के वाराणसी में कोरोना का कहर जारी है। बढ़ते संक्रमण के बीच जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी भी तेज हो गई है। इन सबके बीच पुलिस भी इन जीवन रक्षक दवाओं की ब्लैक मार्केटिंग करने वालों पर शिकंजा कस रही है। वाराणसी पुलिस ने रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले बीएचयू स्टूडेंट को गिरफ्तार किया है।पुलिस पूछताछ में आरोपी सुनील ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेस के लिए पैसे इक्कठा करने के लिए वो रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करता था। कोविड मरीजों के परिजनों को इंजेक्शन की एक वॉयल 15 हजार में बेचता था। सुनील पटेल ने बताया कि कोविड हॉस्पिटल के बाहर इंजेक्शन के लिए परेशान मरीजों को ये इंजेक्शन वो मंहगे कीमतों पर बेचा करता था।संदेह के घेरे में अस्पतालBHU के स्टूडेंट के पास से मिले रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर वाराणसी का एक कोविड अस्पताल संदेह के घेरे में है। पुलिस के मुताबिक, युवक को एक कोविड अस्पताल से ये इंजेक्शन मिलते थे। उसके बाद वो बाजार में इन्हें ऊची कीमतों में बेचा करता था। BHU का ये स्टूडेंट अब तक 5 रेमडेसिविर इंजेक्शन को बेच चुका है।पुलिस कर रही जांचएनबीटी ऑनलाइन से बातचीत में भेलूपुर इंस्पेक्टर अमित मिश्रा ने बताया कि कालाबाजारी के खेल में कोविड हॉस्पिटल की भी संलिप्तता भी सामने आई है। पुलिस अभी उस अस्पताल की संलिप्तता को लेकर जांच कर रही है। जल्द ही इस मामले में शामिल कुछ और लोगो के नाम भी सामने आ सकते हैं।
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