हाइलाइट्स:परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया पैसे मांगने का आरोपहेल्पलाइन नंबरों पर भी किया कॉल..नहीं मिली मददअस्पताल ने आरोपों से किया इनकार..CMO बोले- नहीं मिली शिकायतगोरखपुरगोरखपुर के यूनिवर्सिटी रोड पर एक खौफनाक मंजर देखने को मिला, जहां इलाज के लिए पिपराइच के पिपरा बसंत गांव से अपनी पत्नी और बच्चों के साथ सावित्री अस्पताल पहुंचे देवेंद्र उपाध्याय ने बीच सड़क ही दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है पैसे ना होने की वजह से अस्पताल वालों ने भर्ती करने से मना कर दिया। जबकि देवेंद्र अपना रूटीन चेकअप कराने अस्पताल गए थे।परिजनों के मुताबिक इसी अस्पताल से उनका इलाज चल रहा था। इलाज के दौरान जब उनका कोरोना टेस्ट किया गया तो वह पॉजिटिव पाए गए। जिस पर अस्पताल वालों ने उन्हें भर्ती करने को कहा और पैसे की डिमांड रखी। आरोप है कि पैसा ना होने पर उन्हें अस्पताल से बाहर कर दिया गया। परिवार जनों ने बताया कि भर्ती हेतु गोरखपुर के कई अस्पतालों के चक्कर लगाए पर निराशा ही हाथ लगी। नहीं मिली मदद…सड़क किनारे तड़प कर तोड़ा दमअंतिम आस के रूप में शासन और प्रशासन द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर पर ट्राय करना शुरू किया। कहीं से भी कोई मदद नहीं मिली तो सड़क किनारे बैठ गए।धीरे-धीरे 55 वर्षीय देवेंद्र उपाध्याय की सांसें उखड़ने लगी और उन्होंने सड़क पर ही अपने परिजनों के सामने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।कोरोना पॉजिटिव UP के डेप्युटी सीएम दिनेश शर्मा अस्पताल में भर्ती, योगी के एक और मंत्री चपेट मेंपरिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाया पैसे मांगने का आरोपमृतक के भतीजे विक्रांत उपाध्याय का कहना है कि चाचा की डायलिसिस होनी थी और उनका इलाज पहले से ही सावित्री अस्पताल में चल रहा था। डायलीसिस कराने के लिए हम अस्पताल आए थे। चेकअप से पहले उनकी कोरोना जांच की गई पॉजिटिव मिलने पर अस्पताल वालों ने भर्ती करने के लिए काउंटर पर पैसा जमा कराने को बोला हमारे पास उस वक्त इतने पैसे नहीं थे।कोरोना को हराकर पत्नी के घर लौटने पर पति ने तिलक लगाकर उतारी आरतीहेल्पलाइन नंबरों पर भी किया कॉल..नहीं मिली मददअस्पताल प्रबंधन ने भर्ती करने से मना कर दिया और कहीं और ले जाने को कहा। चाचा को भर्ती कराने की बहुत कोशिश की पर किसी अस्पताल में भर्ती ना हो पाए हेल्पलाइन नंबरों पर भी सहायता के लिए गुहार लगाई पर कुछ ना हुआ अंत में चाचा ने सड़क किनारे दम तोड़ दिया। मौत के बाद एंबुलेंस के इंतजार में भी घंटों निकल गए तब जाकर एंबुलेंस का सहारा मिल सका।UP corona news: यूपी के कोरोना मरीजों को बड़ी राहत, सीएम योगी का ऐलान- कोविड मरीजों को मिलेंगे फ्री रेमडेसिविर इंजेक्शनअस्पताल ने आरोपों से किया इनकार..CMO बोले- नहीं मिली शिकायतअस्पताल प्रबंधन का कहना है कि रूटीन चेकअप के लिए आए थे जांच हुई तो कोरोना पॉजिटिव पाए गए,बेड खाली नहीं थे, उन्हें किसी और अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा गया था। परिजनों के द्वारा भर्ती कराने के लिए पैसा जमा कराने की बात पर अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जांच के बाद कोरोना पॉजिटिव होने पर बेड ना खाली होने की वजह से भर्ती करने में असमर्थता जताई थी, तो पैसे जमा कराने का सवाल ही नहीं उठता। वहीं सीएमओ गोरखपुर का कहना है कि मामला हमारे संज्ञान में नहीं है यदि कोई शिकायत मिलती है तो इसकी जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।फ्री रेमडेसिविर, फ्री मास्क.. कोरोना पर सख्त हुए योगी आदित्यनाथ, बोले- बेड है तो मरीजों को वापस नहीं कर सकते अस्पतालRuchi Khandelwal Viral Video: फेफड़ों में 85% इन्फेक्शन था, पर नहीं हारी हिम्मत, ये बेटी कोरोना से लड़ना सिखा रही.
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