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Prayagraj Corona Update: 13 दिन बाद नए संक्रमितों की संख्या 1800 से आई नीचे, 13 की मौत

prayagraj news : एसआरएन में कोरोना संक्रमित मरीज के लिए आक्सीजन सिलेंडर लेकर जाते कर्मचारी।
– फोटो : prayagraj

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कोरोना के संक्रमण की रफ्तार पर लॉकडाउन का असर दिख रहा है। नए संक्रमितों की संख्या में लगातार तीसरे दिन भी कमी आई है। इन तीन दिनों में संक्रमितों की संख्या में 440 की कमी आई। इससे स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने थोड़ी राहत जरूर महसूस की लेकिन अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की दिक्कत बरकरार है। बेड के लिए लोग सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भटकते रहे। इसके पहले 12 अप्रैल को 24 घंटे में मरीजों का आंकड़ा 1800 से कम था। 12 अप्रैल को 1704 नए संक्रमित मिले थे। 
कोरोना के नोडल ऑफिसर डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि सोमवार को कुल 13,377 लोगों की कोरोना की जांच की गई। उसमें से 1743 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 13 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले ज्यादातर लोग एसआरएन चिकित्सालय में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार उनके धर्मों के अनुसार कराया गया। इसके अलावा सोमवार को 1399 लोग संक्रमण मुक्त भी हुए। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 55 लोगों को स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय, बेली, रेलवे हॉस्पिटल सहित निजी अस्पतालों से छुट्टी दी गई, जबकि 1344 लोगों का होम आइसोलेशन पूरा हुआ।
एक्टिव केस 17,000, चार हजार को बेड की जरूरत 
जिन अस्पतालों में सोमवार को बेड खाली हुए, वहां पर नए मरीजों को भर्ती कर लिया गया। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में एक्टिव केसों की संख्या तकरीबन 17 हजार के आसपास है। इसमें से तकरीबन चार हजार लोगों को बेड की जरूरत है, जबकि आधे संक्रमितों को ही भर्ती किया जा सका है। बहुत से गंभीर लोग बेड की कमी के चलते घरों में ही हैं। कुछ अपनी जान बचाने के लिए ऑक्सीजन लगाए हुए हैं। जबकि, कुछ जिंदगी से जूझ रहे हैं। जिन मरीजों की हालत गंभीर है और उनको बेड नहीं मिल सका है, उनके परिजन ऑक्सीजन की तलाश में भटकते रहे। मृतकों में कथाकार डॉ. अशोक त्रिपाठी भी शामिलकोरोना की चपेट में आकर सोमवार को कथाकार डॉ. अशोक तिवारी, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव सौरभ बोस व रविशंकर उपाध्याय की भी मौत हो गई। कथाकार डॉ. अशोक तिवारी फाफामऊ के निजी अस्पताल में भर्ती थे, जबकि बाकी लोगों का उपचार स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में चल रहा था।

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कोरोना के संक्रमण की रफ्तार पर लॉकडाउन का असर दिख रहा है। नए संक्रमितों की संख्या में लगातार तीसरे दिन भी कमी आई है। इन तीन दिनों में संक्रमितों की संख्या में 440 की कमी आई। इससे स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने थोड़ी राहत जरूर महसूस की लेकिन अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की दिक्कत बरकरार है। बेड के लिए लोग सरकारी अस्पतालों के साथ निजी अस्पतालों में भटकते रहे। इसके पहले 12 अप्रैल को 24 घंटे में मरीजों का आंकड़ा 1800 से कम था। 12 अप्रैल को 1704 नए संक्रमित मिले थे। 

prayagraj news : एसआरएन में मरीज को भर्ती कराने के लिए परेशान दिखे परिजन।
– फोटो : prayagraj

कोरोना के नोडल ऑफिसर डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि सोमवार को कुल 13,377 लोगों की कोरोना की जांच की गई। उसमें से 1743 लोग संक्रमित पाए गए हैं, जबकि 13 लोगों की मौत हो गई। मरने वाले ज्यादातर लोग एसआरएन चिकित्सालय में भर्ती थे। उनका अंतिम संस्कार उनके धर्मों के अनुसार कराया गया। इसके अलावा सोमवार को 1399 लोग संक्रमण मुक्त भी हुए। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद 55 लोगों को स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय, बेली, रेलवे हॉस्पिटल सहित निजी अस्पतालों से छुट्टी दी गई, जबकि 1344 लोगों का होम आइसोलेशन पूरा हुआ।

prayagraj news : एसआरएन में परेशान दिखे तीमारदार।
– फोटो : prayagraj

एक्टिव केस 17,000, चार हजार को बेड की जरूरत 
जिन अस्पतालों में सोमवार को बेड खाली हुए, वहां पर नए मरीजों को भर्ती कर लिया गया। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक जिले में एक्टिव केसों की संख्या तकरीबन 17 हजार के आसपास है। इसमें से तकरीबन चार हजार लोगों को बेड की जरूरत है, जबकि आधे संक्रमितों को ही भर्ती किया जा सका है। बहुत से गंभीर लोग बेड की कमी के चलते घरों में ही हैं। कुछ अपनी जान बचाने के लिए ऑक्सीजन लगाए हुए हैं। जबकि, कुछ जिंदगी से जूझ रहे हैं। जिन मरीजों की हालत गंभीर है और उनको बेड नहीं मिल सका है, उनके परिजन ऑक्सीजन की तलाश में भटकते रहे। मृतकों में कथाकार डॉ. अशोक त्रिपाठी भी शामिलकोरोना की चपेट में आकर सोमवार को कथाकार डॉ. अशोक तिवारी, मेडिकल रिप्रजेंटेटिव सौरभ बोस व रविशंकर उपाध्याय की भी मौत हो गई। कथाकार डॉ. अशोक तिवारी फाफामऊ के निजी अस्पताल में भर्ती थे, जबकि बाकी लोगों का उपचार स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में चल रहा था।