आनंद राज, प्रयागराजकोरोनाकाल में योद्धा बन मेडिकल टीम बेहतर काम कर रही है तो वहीं लोगों के बीच ऐंबुलेंस की डिमांड भी ज्यादा है। ऐसे में कभी-कभी लोगों को ऐंबुलेंस और शव गाड़ी ना मिलने से दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा। इन्हीं सबके बीच प्रयागराज के रहने वाले फैजुल एक ऐसे शख्स हैं, जो पिछले कई सालों से नि:शुल्क शव वाहन से लोगों को अपनी सेवा दे रहे हैं। किसी के भी एक बार के बुलावे पर उनके घर से शव को श्मशान घाट तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इसके एवज में कोई भी पैसा नहीं लेते हैं।अपने पैसे और चंदे के पैसे मिलाकर खरीदी गाड़ीप्रयागराज अतरसुइया के किराये के मकान में फैजुल अपने मम्मी के साथ रहते हैं। अब्बू का कई साल पहले इंतकाल हो चुका। फैजुल के दो भाई हैं, जो अलग रहते हैं। पिछले 10 सालों से डेड बॉडी उठाकर श्मशान घाट तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं। फैजुल पहले ट्रॉली से काम किया करते थे। ट्रॉली से कमाए 40 हजार रुपये इक्क्ठा किया। इसके अलावा कुछ पैसे चंदा कर 80 हजार की नीलामी से गाड़ी खरीदी। इसको शव वाहन में तब्दील करवा दिया। ऐसा नहीं कि इस गाड़ी से सिर्फ लोगों के शव को श्मशान घाट तक पहुंचाते हैं। फैजुल बकायदा शव को कंधा भी देते हैं। खास बात फैजुल इसके एवज में कोई पैसा नहीं लेते। अगर कोई स्वेच्छा से पैसे देता है, तभी लेते हैं। फैजुल गाड़ी चलाने के लिए एक ड्राइवर भी रखा है, जो कुछ पैसा मिलता है, इस ड्राइवर को देते हैं। बीच में मजहब को भी नहीं आने देतेइन दिनों रमजान का पाक महीना चल रहा है और हर मुस्लिम वर्ग रोजा रखता है, लेकिन फैजुल ऐसे शख्स हैं, जो लोगों की सेवा करने के लिए रोजा भी नहीं रखते हैं। फैजुल का कहना है, अगर मैं रोजा रहूंगा तो लोगों के लिए कुछ कर नहीं पाऊंगा, इसलिए मैं रोजा नहीं रखता हूं। फैजुल ये भी कहते हैं कि ऐसा नहीं कि मैं अल्लाह की इबादत नहीं करता और ना ही अल्लाह की इबादत करना भूलता हूं, लेकिन अल्लाह से माफी मांगता हूं, क्योंकि लोगों का भला करना किसी इबादत से कम नहीं है। फैजुल ने इसी वजह से शादी नहीं की। फैजुल का कहना है, अगर मैं शादी करता तो शायद लोगों के लिए कुछ कर नहीं पाता। मेरे काम में मेरा परिवार बीच में आता, इसलिए मैंने आज तक शादी नहीं की। फैजुल अपने काम के दौरान मजहब को बीच में नहीं आने देते हैं और हर किसी भी धर्म के व्यक्ति की मदद करते हैं। फैजुल एक फोन के बुलावे पर लोगों के घर पहुंच जाते हैं। लोग इस वजह से फैजुल की तारीफ करते नहीं थकते हैं। फैजुल लोगों के लिए उस दौर में काम आ रहे हैं, जिस समय देश संकट के दौर से गुजर रहा है और हर तीसरे आदमी को ऐंबुलेंस और शव वाहन की जरूरत है। ऐसे में फैजुल लोगों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं हैं।
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