हाइलाइट्स:यूपी के अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से नहीं मना कर पाएंगे सरकारी अस्पताल में बेड नहीं तो प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती होंगे मरीज कोरोना मरीज के इलाज का पूरा खर्च उठाएगा योगी सरकार लखनऊ बढ़ते कोरोना मामलों के बीच उत्तर प्रदेश के अस्पतालों से तमाम तरह की अव्यवस्थाएं सामने आ रही हैं। जहां बाजारों में जरूरी दवाइयों की किल्लत हो गई है, वहीं अस्पतालों में न तो बेड हैं और न ही ऑक्सिजन। ऐसी स्थिति में अस्पताल मरीजों को भर्ती करने से मना कर दे रहे हैं। समय से इलाज न मिल पाने की वजह से अबतक कई मरीजों की जान जा चुकी है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस पर सख्त रुख दिखाया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आदेश दिए कि कोई भी अस्पताल मरीज को वापस नहीं लौटाएगा। अगर सरकारी अस्पताल में बेड नहीं है तो निजी अस्पताल में मरीज को भेजा जाएगा और पूरा खर्च राज्य सरकार करेगी। यूपी के अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने बताया कि पूरे प्रदेश में इस समय सेनेटाइजेशन का काम चल रहा है। इससे पहले सरकार ने कहा था कि यूपी के अस्पतालों में बेड पर्याप्त हैं। सभी मरीजों को ऑक्सिजन की सुविधा मिल रही है।7 दिन में 17 लाख खर्च, फिर भी नहीं बचे….डेढ़ साल के कोरोना संक्रमित बेटे ने मां-बाप को दी मुखाग्निरविवार को आए ढाई हजार कम केसगौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में रविवार को शनिवार की तुलना में 2,500 मामले कम आए हैं और टेस्ट की संख्या भी बढ़ी है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 35,614 नए मामले सामने आए हैं। 25,633 लोग डिस्चार्ज हुए।अब तक 97,79,846 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज लग गई है। इनमे से 19,97,363 लोगों को वैक्सीन की दूसरी डोज लगी है। सरकार का दावा है कि रेमडेसिविर दवा भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। दूसरी ओर, अभी भी कई शहरों में जरूरी दवाइयों के लिए लोग एक से दूसरे दुकान पर भटक रहे हैं।
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