कानपुरकानपुर के हैलट अस्पताल में कोरोना के लेवल-3 मरीजों का इलाज किया जा रहा है। हैलट में भर्ती मरीजों की जिदंगी राम भरोसे है। पूरा हैलट अस्पताल जूनियर डॉक्टरों के भरोसे है। कानपुर डीएम आलोक तिवारी हैलट अस्पताल पहुंचे तो वहां के हालात देखकर हैरान रह गए। जूनियर डॉक्टर और फार्मासिस्ट उपचार कर रहे थे, जबकि सीनियर डॉक्टर ड्यूटी से नदारत थे। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से संबद्ध हैलट अस्पताल एकलौता ऐसा अस्पताल है, जिसमें कोरोना के गंभीर मरीजों का उपचार किया जाता है। हैलट अस्पताल की इमरजेंसी में बेहद गंभीर स्थिति में मरीज पहुंच रहे हैं, जिसमें से 90 फीसदी ऐसे गंभीर पेशेंट हैं, जिनको तत्काल ऑक्सिजन की जरूरत है। जूनियर डॉक्टर इस स्थिति में मरीजों को संभाल नहीं पा रहे हैं। दरअसल, पूरा हैलट अस्पताल जूनियर डॉक्टरों के भरोसे चल रहा है।स्टेटिक मजिस्ट्रेट किए गए तैनातडीएम आलोक तिवारी बीते गुरुवार को अचानक हैलट अस्पताल पहुंचे। जहां उन्हें सीनियर डॉक्टर नदारत मिले। जूनियर डॉक्टरों के साथ फार्मासिस्ट मरीजों का इलाज करने में जुटे थे। डीएम ने प्रभारी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से नाराजगी जताई। इसके साथ ही निगरानी के लिए स्टेटिक मजिस्ट्रेटों की तैनाती कर दी। उन्होने सीएमएस से कहा कि स्टेटिक मजिस्ट्रेट, शिफ्ट इंचार्ज, डॉक्टरों का नाम और मोबाइल नंबरों को बडे़ फ्लैक्स के साथ लगाया जाए।अस्पताल में भर्ती मरीजों की स्थिति का उनके परिजनों का अपडेट दिया जाए। इसके साथ ही डॉक्टर वार्डों में अपने रोस्टर के अनुसार जाएं। वहीं, स्टेटिक मजिस्ट्रेट अपनी शिफ्ट के अनुसार तैनात रहेंगें। जब तक दूसरे स्टेटिक मजिस्ट्रेट ड्यूटी पर नहीं आ जाते हैं, तब तक ड्यूटी नहीं छोड़ना है।
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