prayagraj news : कोरोना के चलते अन्य शहरों से लौट रहे लोग।
– फोटो : prayagraj
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हालांकि महाराष्ट्र के मुकाबले अब दिल्ली से आने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिन्हें ट्रेन में जगह नहीं मिल रही वो रोडवेज बसों से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही यात्री मास्क पहने हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन रोडवेज यात्रियों में जागरूकता की कमी है।
प्रयागराज जंक्शन की बात करें तो बृहस्पतिवार की सुबह स्वतंत्रता सेनानी, प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, शिवगंगा, रीवा सुपरफास्ट आदि ट्रेनों से काफी संख्या में प्रवासी कामगार यहां उतरे। इसमें बहुत से ऐसे रहे, जो यहां उतरने के बाद बस एवं अन्य साधनों से प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, चित्रकूट आदि के लिए रवाना हो गए। बहुत से यात्रियों के पास सामान इतना ज्यादा था कि एक बारगी यही लगा कि वह अब दिल्ली से अपनी पूरी गृहस्थी ही समेट कर आ गए हैं। वहीं अन्य दिनों के मुकाबले महाराष्ट्र से आने वाली ट्रेनों से ज्यादा प्रवासी बृहस्पवितार को प्रयागराज नहीं आए। प्रयागराज जंक्शन पर नई दिल्ली-मंडुवाडीह एक्सप्रेस से उतरे मऊआइमा के मो. साजिद ने बताया कि दिल्ली में लॉकडाउन का अंदेशा उन्हें पहले ही हो गया था। बताया कि वह दिल्ली के हरि नगर में फल बेचते हैं। लॉकडाउन में सब बंद करना पड़ना पड़ा।
पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के दौरान वह दिल्ली में ही थे। तब भी परिवार के भरण पोषण की बहुत दिक्कत हुई। इस बार दिल्ली में जिस तरह से केस बढ़ रहे हैं, उससे इस बात की आशंका है कि सीएम केजरीवाल लॉकडाउन आगे भी बढ़ा सकते हैं। इसी वजह से तत्काल कोटे में टिकट कटाकर वह प्रयागराज आ गए। अब कम से कम यहां भूखे रहने की नौबत तो नहीं आएगी। इसके पूर्व प्रयागराज एक्सप्रेस से आए सोरांव के रमेश यादव ने बताया कि वह रोहिणी में एक फर्नीचर व्यवसायी के यहां काम करते हैं। वहां उनका पूरा काम कारपेंटर का ही है। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से उन्होंने अपनी पत्नी स्वाति और पांच वर्ष के पुत्र देव के साथ वापस घर आने में ही भलाई समझी। कहा कि वह अपनी पूरी गृहस्थी का तकरीबन सारा सामान लेकर आए हैं। अब दिल्ली नहीं जाएंगे। जब तक माहौल ठीक नहीं हो जाता तब तक वह सोरांव में रहेंगे। इसके बाद प्रयागराज या फिर सोरांव बाजार में ही कारपेंटर से जुड़ा काम शुरू किया जाएगा।
पंचायत चुनाव में 150 बसें लग जाने से यात्रियों को हो रही परेशानी
प्रदेश के तमाम जिलों में चल रहे पंचायत चुनाव को लेकर रोडवेज के प्रयागराज रीजन की 150 बसें लगी हुई है। 150 बसों के चुनाव में चले जाने का असर सिविल लाइंस बस स्टेशन पर दिखने लगा है। सुबह दिल्ली रूट से आई तमाम ट्रेनों के काफी यात्री सिविल लाइंस बस स्टेशन पहुंचे तो यहां बसें कम पड़ गई। इस वजह से यात्रियों को काफी असुविधा हुई। वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़ रूट के यात्री ज्यादा परेशान हुए। बाद में रोडवेज प्रशासन ने वर्कशॉप में खड़ी कुछ बसों को वहां भेजा। हालांकि दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई।
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हालांकि महाराष्ट्र के मुकाबले अब दिल्ली से आने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिन्हें ट्रेन में जगह नहीं मिल रही वो रोडवेज बसों से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर अब सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही यात्री मास्क पहने हुए दिखाई दे रहे हैं, लेकिन रोडवेज यात्रियों में जागरूकता की कमी है।
प्रयागराज जंक्शन की बात करें तो बृहस्पतिवार की सुबह स्वतंत्रता सेनानी, प्रयागराज एक्सप्रेस, हमसफर एक्सप्रेस, शिवगंगा, रीवा सुपरफास्ट आदि ट्रेनों से काफी संख्या में प्रवासी कामगार यहां उतरे। इसमें बहुत से ऐसे रहे, जो यहां उतरने के बाद बस एवं अन्य साधनों से प्रतापगढ़, जौनपुर, भदोही, चित्रकूट आदि के लिए रवाना हो गए। बहुत से यात्रियों के पास सामान इतना ज्यादा था कि एक बारगी यही लगा कि वह अब दिल्ली से अपनी पूरी गृहस्थी ही समेट कर आ गए हैं। वहीं अन्य दिनों के मुकाबले महाराष्ट्र से आने वाली ट्रेनों से ज्यादा प्रवासी बृहस्पवितार को प्रयागराज नहीं आए। प्रयागराज जंक्शन पर नई दिल्ली-मंडुवाडीह एक्सप्रेस से उतरे मऊआइमा के मो. साजिद ने बताया कि दिल्ली में लॉकडाउन का अंदेशा उन्हें पहले ही हो गया था। बताया कि वह दिल्ली के हरि नगर में फल बेचते हैं। लॉकडाउन में सब बंद करना पड़ना पड़ा।
prayagraj news : कोरोना के चलते अन्य शहरों से लौट रहे लोग।
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पिछले वर्ष भी लॉकडाउन के दौरान वह दिल्ली में ही थे। तब भी परिवार के भरण पोषण की बहुत दिक्कत हुई। इस बार दिल्ली में जिस तरह से केस बढ़ रहे हैं, उससे इस बात की आशंका है कि सीएम केजरीवाल लॉकडाउन आगे भी बढ़ा सकते हैं। इसी वजह से तत्काल कोटे में टिकट कटाकर वह प्रयागराज आ गए। अब कम से कम यहां भूखे रहने की नौबत तो नहीं आएगी। इसके पूर्व प्रयागराज एक्सप्रेस से आए सोरांव के रमेश यादव ने बताया कि वह रोहिणी में एक फर्नीचर व्यवसायी के यहां काम करते हैं। वहां उनका पूरा काम कारपेंटर का ही है। लेकिन कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से उन्होंने अपनी पत्नी स्वाति और पांच वर्ष के पुत्र देव के साथ वापस घर आने में ही भलाई समझी। कहा कि वह अपनी पूरी गृहस्थी का तकरीबन सारा सामान लेकर आए हैं। अब दिल्ली नहीं जाएंगे। जब तक माहौल ठीक नहीं हो जाता तब तक वह सोरांव में रहेंगे। इसके बाद प्रयागराज या फिर सोरांव बाजार में ही कारपेंटर से जुड़ा काम शुरू किया जाएगा।
prayagraj news : कोरोना के चलते अन्य शहरों से लौट रहे लोग।
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पंचायत चुनाव में 150 बसें लग जाने से यात्रियों को हो रही परेशानीप्रदेश के तमाम जिलों में चल रहे पंचायत चुनाव को लेकर रोडवेज के प्रयागराज रीजन की 150 बसें लगी हुई है। 150 बसों के चुनाव में चले जाने का असर सिविल लाइंस बस स्टेशन पर दिखने लगा है। सुबह दिल्ली रूट से आई तमाम ट्रेनों के काफी यात्री सिविल लाइंस बस स्टेशन पहुंचे तो यहां बसें कम पड़ गई। इस वजह से यात्रियों को काफी असुविधा हुई। वाराणसी, जौनपुर, प्रतापगढ़ रूट के यात्री ज्यादा परेशान हुए। बाद में रोडवेज प्रशासन ने वर्कशॉप में खड़ी कुछ बसों को वहां भेजा। हालांकि दोपहर तक स्थिति सामान्य हो गई।
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