अभिषेक जायसवाल, वाराणसीकोरोना संकट के बीच उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हेल्थ इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं। कोविड अस्पतालों में बेड और वेंटिलेटर की कमी के साथ ही नॉन कोविड मरीज भी इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। किडनी के समस्या से जूझ रहे एक युवक की मौत के बाद जब बेबस और लाचार मां को अपने जिगर के टुकड़े के शव को घर ले जाने के लिए ऐंबुलेंस नहीं मिली तो ई-रिक्सा में शव को ले जाने को मजबूर दिखी। बेबस मां की मजबूरी की ये तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है।जानकारी के मुताबिक, जौनपुर जिले के रहने वाला ये युवक हाल के दिनों में शादी समारोह में शामिल होने के लिए मुंबई से वापस जौनपुर आया था। युवक की तबीयत जब अचानक बिगड़ी तो बूढ़ी मां ने अपने जिगर के टुकड़े के इलाज के लिए वाराणसी के BHU स्थित सर सुंदरलाल अस्पताल पहुंची।नहीं मिला इलाजअस्पताल में बेटे के इलाज के लिए डॉक्टरों से गुहार लगाई, लेकिन कोरोना के चलते डॉक्टरों ने उसके इलाज से इनकार कर किया। उसके बाद बेबस मां ने निजी अस्पताल का रुख करने के लिए डॉक्टरों से ऐंबुलेंस मांगी, लेकिन कोविड के कारण बीमार पड़ी स्वास्थ्य व्यवस्था के कारण उसे अस्पताल से ऐंबुलेंस भी नहीं मिली। इसके बाद अपने बीमार बेटे के इलाज के लिए बेबस मां ने ई-रिक्से से निजी अस्पताल का रुख किया, लेकिन बीच रास्ते में ही जिगर के टुकड़े ने दम तोड़ दिया।बीमार है स्वास्थ्य व्यवस्थावाराणसी में लगातार बढ़ते कोरोना के कारण इन दिनों जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था भी बीमार हो गई है। अस्पताल में बेड से लेकर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के लिए मरीजों को इंतजार करना पड़ रहा है। हालांकि, जिला प्रशासन लगातार स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार की बात कर रहा है, लेकिन फिर मरीज और उनके परिजनों की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं।
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