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होने-मानी फिल्म निर्देशक सुमित्रा भावे का पुणे में निधन

मुम्बई: मराठी फिल्मों की होने-मानी निर्देशिका सुमित्रा भावे का पुणे में निमेशन। वे 77 साल के थे। एक निर्देशिका होने के अलावा वे एक कहानीकार, पटकथा लेखिका और संगीतकारकार भी थे। कई लोकप्रिय फीचर फिल्मों के अलावा उन्होंने 50 से अधिक लघु फिल्मों और कुछ मराठी धारावाहिकों का भी निर्देशन किया था।

हिंदी मराठी फिल्मों के अभिनेता मोहन अगाशे ने एबीपी न्यूज को जानकारी देते हुए कहा, "सुमित्रा भावे का निधन आज सुबह 6.45 बजे पुणे के सह्याद्रि सुपरस्पेशियालिटी अस्पताल में फेफड़े में संक्रमण और अन्य शारीरिक जटिलताओं के कारण हुआ निमेशन। वे पिछले कुछ हफ्तों से अस्पताल में भर्ती थे।" मोहन अगाशे ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि सुमित्रा को जब इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया था तो टेस्ट के बाद उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।

डॉ। मोहन अगाशे ने एबीपी न्यूज़ को बताया, "सुमित्रा इंटरस्टीशियल लंग डिजीज नामक बीमारी से पीड़ित थे जो कि एक जटिल बीमारी है। कुछ साल पहले जाने-माने अभिनेता गिरीश कर्नाड की मौत भी इसी तरह की बीमारी से हुई थी।"

उल्लेखनीय है कि सुमित्रा भावे ने ‘दहावी फ’, ‘दोघी’, ‘संहिता’, ‘अस्तु’, ‘नितल’, ‘वेलकम होम’ जैसी अलग अलग विषयों पर फिल्में बनाकर अपनी एक अलग पहचान बनाई था। 1980 के दशक में फिल्मों का निर्देशन करते हुए वे सुनील सुकथनकर के साथ जुड़ीं और दोनों ने साथ मिलकर तकरीबन 17 फिल्मों का साथ में निर्देशन किया। दोनों के साझा तौर पर निर्देशित ‘दहावी फ’, ‘दोघी’, ‘अस्तु’, ‘काव्स’, जैसी फिल्मों को राष्ट्रीय गीतों से भी नवाजा गया था। उनकी फिल्म ‘काव्स’ को सुवर्ण कमल भी प्राप्त हुआ था।