प्रतीकात्मक तस्वीर।
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कोरोना संक्रमण से गंभीर हुए मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन संजीवनी बन गया है लेकिन, बाजार से इंजेक्शन गायब है। संक्रमितों के तीमारदार संजीवनी खोजने को भटक रहे हैं। एक्टिव कोविड मरीजों में 1200 की हालत गंभीर है। करीब पांच सौ संक्रमितों को हाई फ्लो ऑक्सीजन पर रखा गया है। डॉक्टरों ने इन गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो रहा है। शुक्रवार को कई स्टॉकिस्टों के पास लंबे अंतराल के बाद 150 इंजेक्शन वायल की आपूर्ति की गई। इसे कड़ी निगरानी और आधार-पर्चें के आधार पर वितरित कराया गया।
थोक दवा विक्रेताओं के मुताबिक जिले में कई महीनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मंगाया गया है। मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी तो कारोबारियों ने कंपनियों को आर्डर भेजे। पहली खेप होली के बाद आई जो दो दिन में ही समाप्त हो गई। जिले में अचानक बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ी। आपूर्ति न होने से इस जीवन रंक्षक इंजेक्शन की किल्लत हो गई। जानकारों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से रेमडेसिविर इंजेक्शन किसी स्टॉकिस्ट के पास नहीं हैं। इस बीच शासन ने कड़ाई की तो इंजेक्शन की कालाबाजारी की शिकायतें आईं।
शुक्रवार को तीन कंपनियों के स्टॉकिस्टों के यहां दवा कंपनियों ने 150 रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कराई। इससे पहले कई दिनों से इस जीवन रक्षक इंजेक्शन के लिए भटक रहे मरीजों के तीमारदारों से मरीज का विवरण, कोविड रिपोर्ट और अस्पताल का पर्चा जमा कराया गया। जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी के निर्देश पर डीआई गोविंद लाल गुप्ता को टीम के साथ इंजेक्शन वितरण और बिक्री की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। साथ ही चेतावनी दी गई कि इंजेक्शन की कालाबाजारी हुई तो खैर नहीं। कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रात दस बजे तक लाइन लगाए रहे जरूरतमंदसिविल लाइंस स्थित एक स्टॉकिस्ट की दुकान पर रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए जरूरतमंद लाइन लगाए रहे। वहीं दूसरे स्टॉकिस्टों के यहां भी लोग दिन भर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में पूछते रहे। इंजेक्शन उन्हें ही दिया गया जिन्होंने पहले से बुकिंग कराई थी या जिनके मरीजों की हालत गंभीर थी। डॉक्टरों के पर्चे और कोविड रिपोर्ट के आधार पर पहली खुराक के लिए दो-दो इंजेक्शन दिए गए। वितरकों ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर है। कंपनियों ने हर दिन इंजेक्शन की आपूर्ति करने का भरोसा दिलाया है।जरूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन सही मूल्य पर मिले, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है। स्टॉकिस्टों को वैध प्रपत्रों को जमा कराने के बाद इंजेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।- गोविंद लाल गुप्ता, डीआईकोरोना संक्रमितों को जरूरी और जीवन रक्षक दवाएं, इंजेक्शन उपलब्ध कराने के पूरे इंतजाम हैं। सभी थोक दवा विक्रेताओं के पास पर्याप्त स्टॉक है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता हो रही है। जल्द ही मांग और आपूर्ति का अंतर समाप्त हो जाएगा।-अनिल दुबे, अध्यक्ष इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन
विस्तार
कोरोना संक्रमण से गंभीर हुए मरीजों के लिए रेमडेसिविर इंजेक्शन संजीवनी बन गया है लेकिन, बाजार से इंजेक्शन गायब है। संक्रमितों के तीमारदार संजीवनी खोजने को भटक रहे हैं। एक्टिव कोविड मरीजों में 1200 की हालत गंभीर है। करीब पांच सौ संक्रमितों को हाई फ्लो ऑक्सीजन पर रखा गया है। डॉक्टरों ने इन गंभीर मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन वह उपलब्ध नहीं हो रहा है। शुक्रवार को कई स्टॉकिस्टों के पास लंबे अंतराल के बाद 150 इंजेक्शन वायल की आपूर्ति की गई। इसे कड़ी निगरानी और आधार-पर्चें के आधार पर वितरित कराया गया।
रेमडेसिविर दवा
– फोटो : social media
थोक दवा विक्रेताओं के मुताबिक जिले में कई महीनों से रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मंगाया गया है। मार्च के अंतिम सप्ताह में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी तो कारोबारियों ने कंपनियों को आर्डर भेजे। पहली खेप होली के बाद आई जो दो दिन में ही समाप्त हो गई। जिले में अचानक बढ़ी कोरोना संक्रमितों की संख्या के बाद रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग बढ़ी। आपूर्ति न होने से इस जीवन रंक्षक इंजेक्शन की किल्लत हो गई। जानकारों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह से रेमडेसिविर इंजेक्शन किसी स्टॉकिस्ट के पास नहीं हैं। इस बीच शासन ने कड़ाई की तो इंजेक्शन की कालाबाजारी की शिकायतें आईं।
रेमडेसिवीर
– फोटो : Hetero website
शुक्रवार को तीन कंपनियों के स्टॉकिस्टों के यहां दवा कंपनियों ने 150 रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति कराई। इससे पहले कई दिनों से इस जीवन रक्षक इंजेक्शन के लिए भटक रहे मरीजों के तीमारदारों से मरीज का विवरण, कोविड रिपोर्ट और अस्पताल का पर्चा जमा कराया गया। जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी के निर्देश पर डीआई गोविंद लाल गुप्ता को टीम के साथ इंजेक्शन वितरण और बिक्री की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। साथ ही चेतावनी दी गई कि इंजेक्शन की कालाबाजारी हुई तो खैर नहीं। कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रात दस बजे तक लाइन लगाए रहे जरूरतमंदसिविल लाइंस स्थित एक स्टॉकिस्ट की दुकान पर रेमडेसिविर इंजेक्शन लेने के लिए जरूरतमंद लाइन लगाए रहे। वहीं दूसरे स्टॉकिस्टों के यहां भी लोग दिन भर इंजेक्शन की उपलब्धता के बारे में पूछते रहे। इंजेक्शन उन्हें ही दिया गया जिन्होंने पहले से बुकिंग कराई थी या जिनके मरीजों की हालत गंभीर थी। डॉक्टरों के पर्चे और कोविड रिपोर्ट के आधार पर पहली खुराक के लिए दो-दो इंजेक्शन दिए गए। वितरकों ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग और आपूर्ति में भारी अंतर है। कंपनियों ने हर दिन इंजेक्शन की आपूर्ति करने का भरोसा दिलाया है।जरूरतमंदों को रेमडेसिविर इंजेक्शन सही मूल्य पर मिले, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित कराई जा रही है। स्टॉकिस्टों को वैध प्रपत्रों को जमा कराने के बाद इंजेक्शन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।- गोविंद लाल गुप्ता, डीआईकोरोना संक्रमितों को जरूरी और जीवन रक्षक दवाएं, इंजेक्शन उपलब्ध कराने के पूरे इंतजाम हैं। सभी थोक दवा विक्रेताओं के पास पर्याप्त स्टॉक है। रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता हो रही है। जल्द ही मांग और आपूर्ति का अंतर समाप्त हो जाएगा।-अनिल दुबे, अध्यक्ष इलाहाबाद केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन
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