सुमित शर्मा, कानपुरकोरोना वायरस ने पूरे देश को अपनी चपेट में ले लिया है। संक्रमण की चपेट में आने से हजारों लोगों की मौतें हो रही है। बिगड़ते हालातों के बीच देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी हो गई है। संक्रमितों को नई जिंदगी देने वाले इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग शुरू हो गई है। एसटीएफ ने कानपुर पुलिस के साथ मिलकर तीन तस्करों से 265 इंजेक्शन बरामद किए थे। बरामद किए गए इंजेक्शन की कीमत लगभग 14 लाख रुपये बताई जा रही है। तस्कर इन इंजेक्शन को जरूरतमंद संक्रमितों को 20 से 50 हजार रुपये में बेचने की फिराक में थे।मिलिट्री इंटेलीजेंस लखनऊ यूनिट को सूचना मिली थी कि कोलकता से रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप कानपुर भेजी जा रही है। इस सूचना के आधार पर एसटीएफ ने बाबूपुरवा पुलिस के साथ मिलकर तस्करों को दबोचने का प्लान बनाया था। इंजेक्शन की खेप नौबस्ता खाड़ेपुर निवासी मोहन सोनी रिसीव करने वाला है। एसटीएफ के दारोगा और सिपाही ग्राहक बनकर मोहन सोनी से इंजेक्शन लेने डील तय की थी। इसके बाद एसटीएफ बाबूवुरवा पुलिस के साथ मिलकर मोहन सोनी, सचिन कुमार और प्रशांत शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया था।रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत 5400 रुपये हैरेमडेसिविर इंजेक्शन कोरोना के गंभीर मरीजों को दी जाती है। इस इंजेक्शन को जिंदगी देने वाला इंजेक्शन भी कहा जाता है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या की वजह से इस इंजेक्शन की मार्केट में कमी हो गई है। वैसे तो इस रेमडेसिविर इंजेक्शन की कीमत 5400 रुपये है, लेकिन ब्लैक मार्केटिंग करने वाले मुनाफाखोर इस इंजेक्शन को 20 से 50 हजार में बेचने की तैयारी में थे।मोहन सोनी की कहानी नहीं उतर रही गलेनौबस्ता खाड़ेपुर निवासी मोहन सोनी एक फार्मा कंपनी में जॉब करता है। मोहन सोनी को इस बात की जानकारी थी कि कोरोना महामारी की वजह से मार्केट में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी चल रही है। इस इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग करने की पूरी प्लानिंग थी। मोहन सोनी ने पुलिस को जो कहानी बताई है, वह किसी के गले नहीं उतर रही है।कोलकाता से भेजी गई खेपमोहन ने बताया कि तीन साल पहले कोलकाता निवासी अपूर्वा मुखर्जी से दोस्ती हुई थी। अपूर्वा को 86 हजार रुपये उधार दिए थे। अपूर्वा मुखर्जी रुपये नहीं चुका पा रहा था। अपूर्वा का वाराणसी निवासी परिचित कोलकाता गया था। अपूर्वा ने अपने परिचित के जरिए रेमडेसिविर इंजेक्शन भेजे थे। वाराणसी निवासी परिचित ने रोडवेज बस के चालक के माध्यम से इंजेक्शन को कानपुर भेजा था। उस परिचित ने मुझे रोडवेज बस का नंबर और चालक का मोबाइल नंबर दिया था। मोहन ने बताया कि अपने साथी प्रशांत के साथ मैं झकरकटी बस अड्डे से इंजेक्शन को रिसीव करने के लिए गया था।हरियाणा से इंजेक्शन लेने आया थामोहन ने बताया कि यमुना नगर हरियाणा निवासी सचिन कुमार से मेरी फेसबुक पर दोस्ती हुई थी। सचिन में मुझसे 20 रेमडेसिविर इंजेक्शन की डिमांड की थी। मैंने सचिन को इंजेक्शन लेने के लिए शहर बुलाया था। इसके साथ हम लोग एक प्लानिंग के तहत जरूरतमंदों को इंजेक्शन बेचने की तलाश में थे।
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