चेक बाउंस के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद के मल्हनी से सपा विधायक लकी यादव ने शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) नीरज सिंह की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए 20-20 हजार के दो बंधपत्र पर जमानत दे दी।
नगर के ओलंदगंज निवासी व्यवसायी सादिक ने न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में लकी यादव के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने भूमि खरीदने के लिए पांच लाख रुपये लकी यादव के बैंक खाते में आरटीजीएस के जरिये जमा किया था। इसके अलावा 9.65 लाख रुपये दिए थे। बाद में सौदा रद होने पर रुपये लौटाने के लिए कहा तो लकी यादव ने दो मई 2019 को एसबीआई शाखा मड़ियाहूं का 14.65 लाख रुपये का चेक दिया। उसने चेक बैंक ऑफ बड़ौदा ओलंदगंज की शाखा में अपने खाते में जमा किया।लकी यादव के खाते में पर्याप्त रकम न होने के कारण चेक बाउंस हो गया। इसकी जानकारी 15 मई 2019 को होने पर सादिक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से लकी यादव को नोटिस भेजा। जवाब न मिलने पर 25 जून 2019 को लकी के खिलाफ मुकदमा दायर किया। कोर्ट ने लकी यादव को छह अक्तूबर 2020 को तलब किया। इसके खिलाफ लकी यादव ने जिला जज की कोर्ट में निगरानी दायर किया। जिला जज की कोर्ट ने 24 फरवरी को निगरानी खारिज कर दिया। इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) ने सात अप्रैल को लकी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया था।
चेक बाउंस के मामले में गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश के जौनपुर जनपद के मल्हनी से सपा विधायक लकी यादव ने शुक्रवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) नीरज सिंह की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उनकी अर्जी स्वीकार करते हुए 20-20 हजार के दो बंधपत्र पर जमानत दे दी।
नगर के ओलंदगंज निवासी व्यवसायी सादिक ने न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) की अदालत में लकी यादव के खिलाफ मुकदमा दायर किया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक उसने भूमि खरीदने के लिए पांच लाख रुपये लकी यादव के बैंक खाते में आरटीजीएस के जरिये जमा किया था। इसके अलावा 9.65 लाख रुपये दिए थे। बाद में सौदा रद होने पर रुपये लौटाने के लिए कहा तो लकी यादव ने दो मई 2019 को एसबीआई शाखा मड़ियाहूं का 14.65 लाख रुपये का चेक दिया। उसने चेक बैंक ऑफ बड़ौदा ओलंदगंज की शाखा में अपने खाते में जमा किया।
लकी यादव के खाते में पर्याप्त रकम न होने के कारण चेक बाउंस हो गया। इसकी जानकारी 15 मई 2019 को होने पर सादिक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से लकी यादव को नोटिस भेजा। जवाब न मिलने पर 25 जून 2019 को लकी के खिलाफ मुकदमा दायर किया। कोर्ट ने लकी यादव को छह अक्तूबर 2020 को तलब किया। इसके खिलाफ लकी यादव ने जिला जज की कोर्ट में निगरानी दायर किया। जिला जज की कोर्ट ने 24 फरवरी को निगरानी खारिज कर दिया। इसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम) ने सात अप्रैल को लकी के खिलाफ वारंट जारी कर दिया था।
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