उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए लोग कई हथकंडे अपना रहे हैं। कोई आनन फानन बिना मुहुर्त देखे शादी रचा कर पत्नी को प्रत्याशी बना रहा है। वहीं कई लोग फर्जी कागजात के जरिये भाग्य आजमाने को मैदान में उतर रहे हैं। ऐसा ही मामला वाराणसी में सामने आया है। यहां एक युवक ने सीट के आरक्षण को देखते हुए अपनी जाति ही बदल डाली। पिछड़ी जाति वर्ग का प्रत्याशी सीट एससी के लिए आरक्षित होने पर अनुसूचित जाति का बन गया। उसने अपना फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाया। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के साथ उसने नामांकन भी कर दिया। प्रमाण पत्रों की जांच के दौरान मामला सामने आया तो अधिकारी भी चकित रह गए। इस मामले में तहसीलदार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने वाले प्रत्याशी और उसके समर्थक को पुलिस की हिरासत में दे दिया।प्रत्याशी गिरजा शंकर शर्मा एवं उनके प्रस्तावक मनीष सिंह फर्जी जाति प्रमाण पत्र के जरिये सेवापुरी ब्लॉक के भोर कला मनकइया गांव से ग्राम पंचायत सदस्य के लिए नामांकन किया। फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के आरोप में तहसीलदार ने दोनों को पुलिस हिरासत में सौंप दिया। इन पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाने का आरोप है। वहीं फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के मामले में ग्राम पंचायत सदस्य प्रत्याशी गिरजा शंकर शर्मा के प्रस्तावक मनीष सिंह ने सहज जन सेवा केंद्र के संचालक के खिलाफ नामजद तहरीर दी है। तहसीलदार ने पुलिस को मामले की जांच कर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है।
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