मुख्तार अंसारी के पैड पर की गई पैरवी के आधार पर बने चार शस्त्र लाइसेंसों के फर्जी मिलने के मामले में मऊ जनपद के दक्षिण टोला थाने में दर्ज मुकदमे में मुख्तार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान सीजेएम विनोद शर्मा ने मुख्तार को उनके प्रकरण से अवगत कराया। कहा कि मामला एमपीएमएलए कोर्ट में स्थानांतरित किया जाएगा लेकिन पत्रावली सत्र न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र के लिए जाने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। बृहस्पतिवार को सीजेएम ने मुख्तार अंसारी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा का रिमांड स्वीकृत करते हुए सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तिथि नियत की।पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने सीजेएम के सामने अपना पक्ष रखा। कहा कि उन्हें परिवार के सदस्यों और वकील से बातचीत नहीं कराई जा रही है। जिस पर सीजेएम ने जेल अधीक्षक बांदा को निर्देश दिया कि वह नियमानुसार एवं जेल मैनुअल के अनुसार परिवार वालों से और अधिवक्ता से बातचीत करने की सुविधा प्रदान करें।
अभियोजन के अनुसार तत्कालीन थानाध्यक्ष दक्षिण टोला परमानंद मिश्रा की तहरीर पर 5 जनवरी 2020 में आयुध अधिनियम और जालसाजी के मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई। इसमें मुख्तार अंसारी सहित आधा दर्जन लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि मुख्तार अंसारी ने जिन लोगों के लिए अपने लेटर पैड पर पत्र लिखकर जिलाधिकारी को असलहा लाइसेंस जारी करने की सिफारिश की थी। उनको लाइसेंस जारी हो गए थे। बाद में जांच कराने पर सभी का पता गलत मिला। जिस पर मुख्तार अंसारी सहित सभी लोगों के विरुद्ध दक्षिणटोला थाना में रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस ने विवेचना के बाद मुख्तार अंसारी सहित सभी के विरुद्ध आरोप पत्र सीजेएम कोर्ट मे पेश किया। इस मामले में बृहस्पतिवार को मुख्तार अंसारी की पेशी थी।
मुख्तार अंसारी के पैड पर की गई पैरवी के आधार पर बने चार शस्त्र लाइसेंसों के फर्जी मिलने के मामले में मऊ जनपद के दक्षिण टोला थाने में दर्ज मुकदमे में मुख्तार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया।
इस दौरान सीजेएम विनोद शर्मा ने मुख्तार को उनके प्रकरण से अवगत कराया। कहा कि मामला एमपीएमएलए कोर्ट में स्थानांतरित किया जाएगा लेकिन पत्रावली सत्र न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र के लिए जाने के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। बृहस्पतिवार को सीजेएम ने मुख्तार अंसारी को 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा का रिमांड स्वीकृत करते हुए सुनवाई के लिए 22 अप्रैल की तिथि नियत की।
पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी ने सीजेएम के सामने अपना पक्ष रखा। कहा कि उन्हें परिवार के सदस्यों और वकील से बातचीत नहीं कराई जा रही है। जिस पर सीजेएम ने जेल अधीक्षक बांदा को निर्देश दिया कि वह नियमानुसार एवं जेल मैनुअल के अनुसार परिवार वालों से और अधिवक्ता से बातचीत करने की सुविधा प्रदान करें।
अभियोजन के अनुसार तत्कालीन थानाध्यक्ष दक्षिण टोला परमानंद मिश्रा की तहरीर पर 5 जनवरी 2020 में आयुध अधिनियम और जालसाजी के मामले में रिपोर्ट दर्ज हुई। इसमें मुख्तार अंसारी सहित आधा दर्जन लोगों को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि मुख्तार अंसारी ने जिन लोगों के लिए अपने लेटर पैड पर पत्र लिखकर जिलाधिकारी को असलहा लाइसेंस जारी करने की सिफारिश की थी। उनको लाइसेंस जारी हो गए थे। बाद में जांच कराने पर सभी का पता गलत मिला। जिस पर मुख्तार अंसारी सहित सभी लोगों के विरुद्ध दक्षिणटोला थाना में रिपोर्ट दर्ज हुई। पुलिस ने विवेचना के बाद मुख्तार अंसारी सहित सभी के विरुद्ध आरोप पत्र सीजेएम कोर्ट मे पेश किया। इस मामले में बृहस्पतिवार को मुख्तार अंसारी की पेशी थी।
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