गोरखपुरदीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्विद्यालय शोध में गुणवत्ता लाने के मकसद से एक नई गाइड लाइन जारी की गई है। इसमें अब विश्विद्यालय के एक प्रफेसर एक वर्ष में सिर्फ दो शोधार्थी को ही रिसर्च करा सकते हैं। बता दें इसके पहले एक शिक्षक चार से आठ रिसर्च स्कॉलर को शोध कराते थे। दो से अधिक हैं शोधार्थी तो दूसरे शिक्षक को किए जाएंगे ट्रांसफरदरअसल, डीडीयू ने यह गाइड लाइन विश्विद्यालय अनुदान आयोग को शत प्रतिशत पालन करते हुए बनाई है। नई गाइड लाइन के तहत अगर एक प्रफेसर के अंडर में दो से अधिक रिसर्च स्कॉलर शोध कर रहे हैं तो उन्हें दूसरे शिक्षकों को ट्रांसफर किया जाएगा। अभी तक एक प्रफेसर के अंडर में छह से आठ रिसर्च स्कॉलर प्रवेश लेते थे। वहीं, एसोसिएट प्रफेसर के अंडर में छह शोधार्थी को प्रवेश मिलता था। शोधार्थी को मिलेगा पूरा गाइडबात दें एक प्रफेसर के अधीन दो शोधार्थी को प्रवेश मिलने से उन्हें पूरी गाइड मिलेगी। अधिक संख्या होने की वजह से प्रफेसर के ऊपर भी दबाव पड़ता था। इसके साथ ही रिसर्च स्कॉलर को पूरा सहयोग नहीं मिल पा रहा था। अब नई नियमावली के तहत रिसर्च स्कॉलर को अपने गाइड का भरपूर सहयोग मिलने के साथ ही शोध की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। उधर, गोरखपुर विश्विद्यालय के मीडिया सेल प्रभारी प्रो. महेंद्र सिंह ने बताया कि शोध में गुणवत्ता लाने के लिए विश्विद्यालय ने यह निर्णय लिया है।
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