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होली से पहले मुंबई समेत अन्य प्रदेशों से यहां आने लोगों की बढ़ती संख्या ही कोरोना संक्रमण के प्रसार का कारण बनी है। स्वास्थ्य विभाग की आरआरटी टीमों ने संक्रमितों के घर जाकर जो जानकारी जुटाई है, उससे यह तथ्य प्रमाणित हो रहा है। इसलिए अभी दस दिन बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है, इन दिनों में संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है।सीएमओ डॉ प्रभाकर राय ने बताया कि कोरोना टीका लगाने के बाद भी संक्रमण से बचाव के एहतियात बरतने की जरूरत है। फिलहाल हर किसी को अनिवार्य रूप से मास्क लगाने, बाहर से आने पर हाथ धुलने, सैनिटाइजर का प्रयोग करने के साथ उचित दूरी बनाए रखने को अभ्यास में शामिल करना होगा।कोविड जांच के नोडल एसीएमओ डॉ एके तिवारी के मुताबिक स्टेशनों और बस अड्डों पर होली से पहले आए लोग जांच से बचते रहे। उनके घर पहुंचने फिर बाजार जाने से संक्रमण का प्रसार हुआ।अब जांच टीमों के सामने यह सच आ रहा है। बाहर से आए लोगों के संपर्कियों की तलाश कर जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव को जागरूकता जरूरी है। लोगों को खुद बचाव के उपाय करने होंगे। खांसी, बुखार, सर्दी-जुकाम या सांस फूलने पर कोविड जांच कराने से हिचक न करें। जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर कोविड या अन्य बीमारियों का इलाज किया जाना ज्यादा हितकर होगा। साथ ही मानसिक निश्चिंतता भी रहेगा।
होली से पहले मुंबई समेत अन्य प्रदेशों से यहां आने लोगों की बढ़ती संख्या ही कोरोना संक्रमण के प्रसार का कारण बनी है। स्वास्थ्य विभाग की आरआरटी टीमों ने संक्रमितों के घर जाकर जो जानकारी जुटाई है, उससे यह तथ्य प्रमाणित हो रहा है। इसलिए अभी दस दिन बेहद सावधानी बरतने की जरूरत है, इन दिनों में संक्रमितों की संख्या बढ़ सकती है।
सीएमओ डॉ प्रभाकर राय ने बताया कि कोरोना टीका लगाने के बाद भी संक्रमण से बचाव के एहतियात बरतने की जरूरत है। फिलहाल हर किसी को
अनिवार्य रूप से मास्क लगाने, बाहर से आने पर हाथ धुलने, सैनिटाइजर का प्रयोग करने के साथ उचित दूरी बनाए रखने को अभ्यास में शामिल करना होगा।
कोविड जांच के नोडल एसीएमओ डॉ एके तिवारी के मुताबिक स्टेशनों और बस अड्डों पर होली से पहले आए लोग जांच से बचते रहे। उनके घर पहुंचने फिर बाजार जाने से संक्रमण का प्रसार हुआ।
अब जांच टीमों के सामने यह सच आ रहा है। बाहर से आए लोगों के संपर्कियों की तलाश कर जांच कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव को जागरूकता जरूरी है। लोगों को खुद बचाव के उपाय करने होंगे। खांसी, बुखार, सर्दी-जुकाम या सांस फूलने पर कोविड जांच कराने से हिचक न करें। जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर कोविड या अन्य बीमारियों का इलाज किया जाना ज्यादा हितकर होगा। साथ ही मानसिक निश्चिंतता भी रहेगा।
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