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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) एवं संघटक महाविद्यालयों की विषम सेमेस्टर मुख्य परीक्षा और स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की बैक पेपर की परीक्षा के दूसरे दिन भी उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ पोर्टल पर अपलोड करने के परीक्षार्थी जूझते नजर आए। हालांकि रविवार को कोई हंगामा नहीं हुआ। ऐसे परीक्षार्थियों के लिए इविवि प्रशासन ने जेके इंस्ट्रीट्यूट की प्रयोगशाला में एक सेंटर खोल दिया है। परीक्षार्थियों को इसी सेंटर में भेज दिया गया और सेंटर में बैठे विशेषज्ञों ने उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ पोर्टल पर अपलोड कर दीं।विषम सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा और स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की बैक पेपर परीक्षा में तकरीबन दस हजार परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा के पहले दिन यानी शनिवार को परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ था। उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ अपलोड न होने के कारण तमाम परीक्षार्थी परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंच गए थे। बाद में उन्हें पीडीएफ अपलोड करने के कलिए डेढ़ घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया और इसके बाद भी जो परीक्षार्थी पीडीएफ अपलोड नहीं कर सके, उनकी कॉपियां ईमेल पर मंगा ली गईं या ऑफलाइन माध्यम से जमा करा ली गईं। इसके साथ ही इविवि प्रशासन ने निर्णय लिया कि चार अप्रैल से परीक्षार्थियों को पीडीएफ अपलोड करने के लिए 45 मिनट की जगह दो घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया।यह व्यवस्था लागू होने के बाद भी परीक्षार्थी रविवार को पीडीएफ अपलोड करने के लिए जूझते रहे। सुबह पहली पाली की परीक्षा के बाद परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पर परीक्षार्थियों की भीड़ लगने ली तो उन्हें बताया कि जेके इंस्टीट्यूट में सेंटर खोल दिया गया है। इसके बाद परीक्षार्थी वहां पहुंचे। तकरीबन 125 परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ पोर्टल पर अपलोड की गईं। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 95 फीसदी कॉपियां पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड की गईं हैं। जेके इंस्टीट्यूट में सेंटर खोला गया है। जो अभ्यर्थी अपनी उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ स्वयं अपलोड नहीं कर पा रहे हैं, वे सोमवार से सेंटर मेें जाकर पीडीएफ अपलोड कर सकते हैं, लेकिन परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने से चार घंटे के भीतर सेंटर में पहुंचना होगा, क्योंकि लॉगइन इसी दौरान हो सकता है। निर्धारित समय में लॉगइन होने पर चार घंटे बाद भी कॉपियों की पीडीएफ अपलोड की जा सकती है।कॉमर्स के पेपर में बिगड़ा सवालों का क्रम, परीक्षार्थी परेशानकॉमर्स के पेपर में प्रश्रों का क्रम बिगड़ जाने के कारण परीक्षार्थी काफी परेशान हुए। कई परीक्षार्थियों को समझ में ही नहीं आ रहा था कि पेपर कैसे हल करें। परीक्षार्थियों से कहा गया था कि उन्हें कुल चार सवालों के जवाब देने हैं, जबकि पेपर में 11 सवालों का उत्तर देने के लिए कहा गया। इस बारे में इविवि की पीआरओ डॉ. जया कपूर का कहना है कि एक सवाल के तहत ‘क, ख, ग….’ जैसे आठ भाग थे, जो लघु उत्तरीय थे। इसके अलावा तीन सवाल दीर्घ उत्तरीय थे। कुल चार सवालों के ही जवाब देने थे, लेकिन पहले सवाल के तहत भाग की जगह ‘1 से आठ’ तक नंबरिंग कर दी गई। इसी वजह से थोड़ा भ्रम हुआ। पीआरओ का दावा है कि इससे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई है और परीक्षार्थियों ने पेपर हल कर लिया।शहर से बाहर रहने वाले अभ्यर्थी अब भी परेशानशहर से बाहर रहने वाले परीक्षार्थी अब भी परेशान हैं। प्रयागराज में रहने वाले परीक्षार्थी तो पीडीएफ अपलोड न हो पाने की स्थिति में जेके इंस्टीट्यूट पहुंच जाएंगे, लेकिन दूसरे शहरों में रहकर ऑनलाइन परीक्षा में शामिल हो रहे परीक्षार्थियों के पास यह सुविधा नहीं है। इस बारे में परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जल्द ही इस बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा। परीक्षार्थियों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।पीडीएफ अपलोड करने की प्रक्रिया होगी आसानइविवि प्रशासन ने ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन करा रही एजेंसी से कहा है कि पीडीएफ अपलोड करने की प्रक्रिया को और अधिक आसान बनाया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के अनुसार एजेंसी इस पर काम कर रही है। एक-दो दिन में कोई निर्णय लो जाएगा।
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इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) एवं संघटक महाविद्यालयों की विषम सेमेस्टर मुख्य परीक्षा और स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की बैक पेपर की परीक्षा के दूसरे दिन भी उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ पोर्टल पर अपलोड करने के परीक्षार्थी जूझते नजर आए। हालांकि रविवार को कोई हंगामा नहीं हुआ। ऐसे परीक्षार्थियों के लिए इविवि प्रशासन ने जेके इंस्ट्रीट्यूट की प्रयोगशाला में एक सेंटर खोल दिया है। परीक्षार्थियों को इसी सेंटर में भेज दिया गया और सेंटर में बैठे विशेषज्ञों ने उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ पोर्टल पर अपलोड कर दीं।
विषम सेमेस्टर की मुख्य परीक्षा और स्नातक द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की बैक पेपर परीक्षा में तकरीबन दस हजार परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। परीक्षा के पहले दिन यानी शनिवार को परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में जमकर हंगामा हुआ था। उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ अपलोड न होने के कारण तमाम परीक्षार्थी परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पहुंच गए थे। बाद में उन्हें पीडीएफ अपलोड करने के कलिए डेढ़ घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया और इसके बाद भी जो परीक्षार्थी पीडीएफ अपलोड नहीं कर सके, उनकी कॉपियां ईमेल पर मंगा ली गईं या ऑफलाइन माध्यम से जमा करा ली गईं। इसके साथ ही इविवि प्रशासन ने निर्णय लिया कि चार अप्रैल से परीक्षार्थियों को पीडीएफ अपलोड करने के लिए 45 मिनट की जगह दो घंटे का अतिरिक्त समय दिया गया।
यह व्यवस्था लागू होने के बाद भी परीक्षार्थी रविवार को पीडीएफ अपलोड करने के लिए जूझते रहे। सुबह पहली पाली की परीक्षा के बाद परीक्षा नियंत्रक कार्यालय पर परीक्षार्थियों की भीड़ लगने ली तो उन्हें बताया कि जेके इंस्टीट्यूट में सेंटर खोल दिया गया है। इसके बाद परीक्षार्थी वहां पहुंचे। तकरीबन 125 परीक्षार्थियों की उत्तर पुस्तिकाओं की पीडीएफ पोर्टल पर अपलोड की गईं। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि 95 फीसदी कॉपियां पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड की गईं हैं। जेके इंस्टीट्यूट में सेंटर खोला गया है। जो अभ्यर्थी अपनी उत्तर पुस्तिका की पीडीएफ स्वयं अपलोड नहीं कर पा रहे हैं, वे सोमवार से सेंटर मेें जाकर पीडीएफ अपलोड कर सकते हैं, लेकिन परीक्षार्थियों को परीक्षा शुरू होने से चार घंटे के भीतर सेंटर में पहुंचना होगा, क्योंकि लॉगइन इसी दौरान हो सकता है। निर्धारित समय में लॉगइन होने पर चार घंटे बाद भी कॉपियों की पीडीएफ अपलोड की जा सकती है।
कॉमर्स के पेपर में बिगड़ा सवालों का क्रम, परीक्षार्थी परेशान
कॉमर्स के पेपर में प्रश्रों का क्रम बिगड़ जाने के कारण परीक्षार्थी काफी परेशान हुए। कई परीक्षार्थियों को समझ में ही नहीं आ रहा था कि पेपर कैसे हल करें। परीक्षार्थियों से कहा गया था कि उन्हें कुल चार सवालों के जवाब देने हैं, जबकि पेपर में 11 सवालों का उत्तर देने के लिए कहा गया। इस बारे में इविवि की पीआरओ डॉ. जया कपूर का कहना है कि एक सवाल के तहत ‘क, ख, ग….’ जैसे आठ भाग थे, जो लघु उत्तरीय थे। इसके अलावा तीन सवाल दीर्घ उत्तरीय थे। कुल चार सवालों के ही जवाब देने थे, लेकिन पहले सवाल के तहत भाग की जगह ‘1 से आठ’ तक नंबरिंग कर दी गई। इसी वजह से थोड़ा भ्रम हुआ। पीआरओ का दावा है कि इससे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई है और परीक्षार्थियों ने पेपर हल कर लिया।
शहर से बाहर रहने वाले अभ्यर्थी अब भी परेशान
शहर से बाहर रहने वाले परीक्षार्थी अब भी परेशान हैं। प्रयागराज में रहने वाले परीक्षार्थी तो पीडीएफ अपलोड न हो पाने की स्थिति में जेके इंस्टीट्यूट पहुंच जाएंगे, लेकिन दूसरे शहरों में रहकर ऑनलाइन परीक्षा में शामिल हो रहे परीक्षार्थियों के पास यह सुविधा नहीं है। इस बारे में परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह का कहना है कि जल्द ही इस बारे में कोई निर्णय लिया जाएगा। परीक्षार्थियों का नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।
पीडीएफ अपलोड करने की प्रक्रिया होगी आसान
इविवि प्रशासन ने ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन करा रही एजेंसी से कहा है कि पीडीएफ अपलोड करने की प्रक्रिया को और अधिक आसान बनाया जाएगा। परीक्षा नियंत्रक प्रो. रमेंद्र कुमार सिंह के अनुसार एजेंसी इस पर काम कर रही है। एक-दो दिन में कोई निर्णय लो जाएगा।
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