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गंगापार में जहरीली शराब के कहर के शोर के बीच शनिवार को दो और ग्रामीणों की रहस्यमय हालात मेें मौत हो गई। नवाबगंज के भीटी पट्टी रजई गांव में रेलकर्मी अरविंद्र कुमार उर्फ पप्पू (30) और अतुल कुमार उर्फ मोनू(28) ने दम तोड़ दिया। दोनों शुक्रवार रात घर पहुंचे और फिर उनकी तबियत बिगड़ गई। परिजनों का कहना है कि दोनों शराब के आदी थे और राम में भी शराब पीकर घर पहुंचे थे। हालांकि पुलिस शराब से मौत की बात से इंकार करती रही। अफसर देर रात तक मौके पर छानबीन में जुटे रहे। भीटी रजई पट्टी गांव निवासी अरविंद के पिता अमृत लाल रेलवे कर्मचारी थे। उनकी मौत के बाद अरविंद को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिली थी और वह पोर्टर के पद पर नवाबगंज स्थित रामचौरा स्टेशन पर तैनात था। उसके पड़ोस में ही अतुल पुत्र रज्जन लाल यादव रहता था जो खेती करता था। परिजनों के मुताबिक, पड़ोसी होने के नाते दोनों अक्सर साथ ही रहते थे। शुक्रवार शाम भी वह साथ में ही कहीं निकले थे जहां से रात नौ बजे के करीब घर लौटे। कुछ घंटों बाद अतुल की हालत बिगड़ गई।रात दो बजे के करीब उसे उल्टियां हुईं और फिर कुछ देर बाद सांसें थम गईं। शनिवार दोपहर उसका अंतिम संस्कार चल रहा था कि तभी पड़ोसी अरविंद की भी तबियत बिगडने की सूचना ग्रामीणों को मिली। 2.30 बजे के करीब गंभीर हालत में परिजन उसे रेलवे अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जिसके बाद घर लौटकर परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। 24 घंटे के भीतर दो मौतों से गांव में सनसनी फैल गई। सूचना पर नवाबगंज पुलिस के साथ ही सीओ व एसपी गंगापार भी पहुंच गए। हालांकि परिजनों से पूछताछ के बाद अफसर यही दावा करते रहे कि मौत की वजह शराब नहीं है। रेलकर्मी के परिजनों से पूछताछ में पता चला है कि वह शुगर और बीपी का मरीज था। दूसरे युवक की मौत कैसे हुई, इस बारे में जांच पड़ताल की जा रहीहै। धवल जायसवाल, एसपी गंगापार
गंगापार में जहरीली शराब के कहर के शोर के बीच शनिवार को दो और ग्रामीणों की रहस्यमय हालात मेें मौत हो गई। नवाबगंज के भीटी पट्टी रजई गांव में रेलकर्मी अरविंद्र कुमार उर्फ पप्पू (30) और अतुल कुमार उर्फ मोनू(28) ने दम तोड़ दिया। दोनों शुक्रवार रात घर पहुंचे और फिर उनकी तबियत बिगड़ गई। परिजनों का कहना है कि दोनों शराब के आदी थे और राम में भी शराब पीकर घर पहुंचे थे। हालांकि पुलिस शराब से मौत की बात से इंकार करती रही। अफसर देर रात तक मौके पर छानबीन में जुटे रहे।
भीटी रजई पट्टी गांव निवासी अरविंद के पिता अमृत लाल रेलवे कर्मचारी थे। उनकी मौत के बाद अरविंद को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिली थी और वह पोर्टर के पद पर नवाबगंज स्थित रामचौरा स्टेशन पर तैनात था। उसके पड़ोस में ही अतुल पुत्र रज्जन लाल यादव रहता था जो खेती करता था। परिजनों के मुताबिक, पड़ोसी होने के नाते दोनों अक्सर साथ ही रहते थे। शुक्रवार शाम भी वह साथ में ही कहीं निकले थे जहां से रात नौ बजे के करीब घर लौटे। कुछ घंटों बाद अतुल की हालत बिगड़ गई।
रात दो बजे के करीब उसे उल्टियां हुईं और फिर कुछ देर बाद सांसें थम गईं। शनिवार दोपहर उसका अंतिम संस्कार चल रहा था कि तभी पड़ोसी अरविंद की भी तबियत बिगडने की सूचना ग्रामीणों को मिली। 2.30 बजे के करीब गंभीर हालत में परिजन उसे रेलवे अस्पताल ले जा रहे थे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। जिसके बाद घर लौटकर परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार कर दिया। 24 घंटे के भीतर दो मौतों से गांव में सनसनी फैल गई। सूचना पर नवाबगंज पुलिस के साथ ही सीओ व एसपी गंगापार भी पहुंच गए। हालांकि परिजनों से पूछताछ के बाद अफसर यही दावा करते रहे कि मौत की वजह शराब नहीं है।
रेलकर्मी के परिजनों से पूछताछ में पता चला है कि वह शुगर और बीपी का मरीज था। दूसरे युवक की मौत कैसे हुई, इस बारे में जांच पड़ताल की जा रहीहै।
धवल जायसवाल, एसपी गंगापार
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