प्रेमदेव शर्मा, मेरठकोरोना महामारी के बीच पंचायत चुनावों को लेकर भावी प्रत्याशी भी डरे हुए हैं। कोरोना संक्रमित मतदाता के लिए इतने जटिल नियम बनाए गए हैं कि शायद ही कोई पॉजिटिव वोटर मतदान केंद्र तक पहुंचे। यदि वोटिंग के दौरान भी किसी मतदाता का थर्मल स्कैनिंग में तापमान तय मानक से अधिक मिला तो उसे वोटिंग से रोक दिया जाएगा और आखिरी के घंटे में उनसे मतदान कराया जाएगा। पंचायत चुनाव में जहां एक-एक वोट अहम होता है, ऐसे में कोरोना को लेकर भावी प्रत्याशी ‘खेला’ बिगड़ने की आशंका से डरे हुए हैं। हालांकि कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति के चुनाव लड़ने पर कोई रोक नहीं है। वह अपना नामांकन पत्र प्रस्तावक या अपने प्रतिनिधि के माध्यम से जमा करा सकते हैं।मेरठ में पंचायत चुनाव 29 अप्रैल को मतदान होना है। पंचायत चुनाव में एक-एक वोट से परिणाम तय होता है। ऐसे में इन जटिल गाइडलाइंस के बीच भावी प्रत्याशियों के मन में भी कोरोना संक्रमित मतदाताओं के वोट देने या न देने की स्थिति को लेकर आशंका है। राज्य चुनाव की ओर से जारी गाइडलाइंस के मुताबिक यदि कोरोना से ग्रसित कोई मतदाता वोट डालना चाहता है तो उसे मतदान के अंतिम घंटे में बुलाया जाएगा, जिसकी सूचना सेक्टर मैजिस्ट्रेट को दी जाएगी। सेक्टर मैजिस्ट्रेट तुरंत मतदान केंद्र पर पहुंचकर पीठासीन अधिकारी पीपीई किट सौंपेंगे। पीठासीन अधिकारी पीपीई किट पहनकर ही वोट डलवाएंगे। वोटिंग से पहले थर्मल स्कैनिंगगाइडलाइंस के मुताबिक वोटिंग के दौरान यदि थर्मल स्कैनिंग में किसी मतदाता का तापमान तय मानक से अधिक पाया जाता है तो उसकी दोबारा जांच कराई जाएगी। यदि वह वैसे ही रहता है तो उसे टोकन या प्रमाण पत्र दे दिया जाएगा। उससे मतदान के अंतिम घंटे में वोट डलवाया जाएगा। इसे लेकर भावी प्रत्याशियों के मन में शंका है कि कहीं आखिरी वक्त में उनका खेल न बिगड़ जाए। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में टेंशनमेरठ के मवाना से चुनाव लड़ रहे एक शख्स ने बताया कि मतदान के लिए शायद ही कोई कोरोना आशंकित व्यक्ति इतना इंतजार करेगा और वो बिना वोटिंग किए ही घर वापस लौट सकता है। वहीं उन्होंने आशंका जताई कि कोरोना पॉजिटिव शख्स आखिरी के एक घंटे में शायद ही मतदान केंद्र पर पहुंचे। कोरोना की चल रही दूसरी लहरदरअसल पंचायत चुनाव के बीच कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी भारी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीज सामने आ रहे हैं। डीएम के बालाजी ने बताया कि ने बताया कि पंचायत चुनाव में कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जो दिशा निर्देश मिले हैं, उनका सख्ती से पालन कराया जाएगा।मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे कोई अधिकारीपंचायत चुनाव के बीच कोरोना संक्रमण के मामले भी अचानक बढ़ने लगे हैं। इसे देखते हुए मेरठ के डीएम के. बालाजी ने कुछ अधिकारियों के लिए मुख्यालय छोड़ने से पहले अनुमति लेना अनिवार्य कर दिया है। जिले में छुट्टी के दिनों में भी चुनाव से संबंधित कार्यालय खोले जाएंगे। अब अगले आदेश तक जिले के कोई अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
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