उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद स्थित आईआईटी बीएचयू के मुख्य कार्यशाला में बुधवार को प्रिसिजन इंजीनियरिंग हब का निदेशक प्रो. पीके जैन ने उद्घाटन किया। इस हब के माध्यम से प्रौद्योगिकी विकास को नई दिशा देने में सहूलियत होगी। साथ ही शोध के माध्यम से विकसित होने वाले नये आइडिया को एक उत्पाद के रूप में विनिर्माण करना और नये औद्योगिक-प्रौद्योगिकी आयामों के विकास में सहयोग देना भी इस हब का मुख्य उद्देश्य है। आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. पीके जैन ने बताया कि यह हब आइडिया से प्रोडक्ट निर्माण तक एक इकोसिस्टम के रूप में कार्य करेगा। पहला चरण ‘रचनाकार स्थल’ जिसमें रिसर्च किए गए आइडिया पर डिजाइन बनाना होगा। इसके बाद दूसरे चरण ‘डिजाइन स्थल’ में उस डिजाइन को कंप्यूटर में मॉडलिंग व सिमुलेशन से डिजिटल आकार दिया जाएगा। वहीं तीसरे चरण ‘टूलरूम स्थल’ में उस डिजिटल आकार को 3डी प्रिटिंग द्वारा प्रोटोटाइप प्रिंट तैयार कराया जाएगा। इसके साथ ही चौथे चरण में ‘उत्पाद डिजाइन और विकास स्थल’ में 3डी प्रिंटेड प्रोटोटाइप को वास्तविक प्रोडक्ट में रूपांतरित कर फाइनल प्रोडक्ट के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।
निदेशक प्रो. पीके जैन ने बताया कि यह हब डिफेंस कॉरिडोर, अभिकल्प नवप्रवर्तन केंद्र और प्रौद्योगिकी नवप्रर्वन हब द्वारा सहायता प्राप्त है। इसका मुख्य उद्देश्य भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे मेक इन इंडिया, आत्मनिर्भर भारत और र्स्टाट-अप आदि कार्यक्रमों को सहयोग देना है। कार्यक्रम में प्रो. संतोष कुमार, अधिष्ठाता प्रोफेसर राजीव प्रकाश, प्रोफेसर रजनेश त्यागी, प्रोफेसर एलपी सिंह, अधीक्षण अभियंता डॉ. एसके गुप्ता, प्रोफेसर वाईसी शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद स्थित आईआईटी बीएचयू के मुख्य कार्यशाला में बुधवार को प्रिसिजन इंजीनियरिंग हब का निदेशक प्रो. पीके जैन ने उद्घाटन किया। इस हब के माध्यम से प्रौद्योगिकी विकास को नई दिशा देने में सहूलियत होगी। साथ ही शोध के माध्यम से विकसित होने वाले नये आइडिया को एक उत्पाद के रूप में विनिर्माण करना और नये औद्योगिक-प्रौद्योगिकी आयामों के विकास में सहयोग देना भी इस हब का मुख्य उद्देश्य है।
आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. पीके जैन ने बताया कि यह हब आइडिया से प्रोडक्ट निर्माण तक एक इकोसिस्टम के रूप में कार्य करेगा। पहला चरण ‘रचनाकार स्थल’ जिसमें रिसर्च किए गए आइडिया पर डिजाइन बनाना होगा। इसके बाद दूसरे चरण ‘डिजाइन स्थल’ में उस डिजाइन को कंप्यूटर में मॉडलिंग व सिमुलेशन से डिजिटल आकार दिया जाएगा। वहीं तीसरे चरण ‘टूलरूम स्थल’ में उस डिजिटल आकार को 3डी प्रिटिंग द्वारा प्रोटोटाइप प्रिंट तैयार कराया जाएगा। इसके साथ ही चौथे चरण में ‘उत्पाद डिजाइन और विकास स्थल’ में 3डी प्रिंटेड प्रोटोटाइप को वास्तविक प्रोडक्ट में रूपांतरित कर फाइनल प्रोडक्ट के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।
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