बदायूं। कई फिल्मों में अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाली बॉलीवुड अदाकारा स्वरा भास्कर मंगलवार को बदायूं में थीं। वह मेरठ में कूड़े के ढेर में मिली बच्ची को देखने यहां आई थीं। बच्ची शहर के नेकपुर स्थित विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण की देखरेख में पल रही है। यहां आकर न केवल उन्होंने बच्ची को गोद में लेकर दुलारा बल्कि यहां पल रहे अन्य बच्चों का भी हालचाल जाना।‘प्रेम रतन धन पायो’, ‘तनु वेड्स मनु’, ‘रांझड़ा’, ‘चिल्लर पार्टी’ आदि फिल्मों में अभिनय कर चुकीं स्वरा अपनी एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में लखनऊ आई थीं। यहां से दिल्ली जाते समय वह रास्ते में बदायूं रुक गईं और अचानक नेकपुर स्थित विशेषज्ञ दत्तक ग्रहण अभिकरण में पहुंच गईं। उनके आने की जानकारी किसी को नहीं थी, जिससे अभिकरण का स्टाफ भी उन्हें देखकर भौचक्का रह गया। यहां दत्तक ग्रहण के संचालक अनूप कुमार सक्सेना एवं गृह की प्रबंधिका प्रियंका जौहरी से गृह में रह रहे सभी नवजात शिशुओं के बारे में जानकारी ली व उनका हालचाल जाना। दरअसल, स्वरा यहां मेरठ में कूड़े के ढेर में मिली उस बच्ची से मिलने आई थीं जो अभिकरण में पल रही है। उसे गोद में लेकर दुलारा। इस दौरान वह स्वयं भी भावुक हो गईं।स्वरा ने बताया कि उन्हें मीडिया के माध्यम से इस बच्ची की जानकारी मिली थी। जब यह बच्ची अपनी जिंदगी के लिए अस्पताल में संघर्ष कर रही थी तो उन्होंने उसकी कहानी देखी थी। इस कारण उससे मिलने का बहुत मन था। जानकारी करने पर उन्हें पता लगा कि बच्ची बदायूं में पल रही है। तब वह यहां चली आईं। दत्तक ग्रहण की व्यवस्थाओं को देखकर वह काफी प्रभावित हुईं। वहां रखी पुस्तिका में भी उन्होंने लिखा कि ‘अभिकरण से जुड़े सभी लोगों के प्रयत्न एवं जज्बे को मेरा सलाम और नमन’। उन्होंने अभिकरण के संचालक अनूप कुमार सक्सेना से वादा किया कि वह दोबारा बदायूं आकर अभिकरण में रह रहे बच्चों से एक बार जरूर मिलेंगीं।
नवंबर 2020 में कूड़े के ढेर में कट्टे में बंधी मिली थी बच्ची
यह बच्ची 23 नवंबर 2020 को मेरठ में कूड़े के ढेर में सीमेंट के कट्टे में बंधी मिली थी। उसे कुत्ते सूंघ रहे थे। कुछ राहगीरों ने उसे देखा तो उन्होंने इसकी जान बचाई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत खराब थी, लेकिन इलाज के बाद उसकी जान बच गई। चूंकि मेरठ में दत्तक ग्रहण अभिकरण नहीं है, इसलिए इस बच्ची को चाइल्ड लाइन मेरठ के माध्यम से बदायूं स्थित दत्तक ग्रहण अभिकरण में पांच दिसंबर 2020 को स्थानांतरित किया गया। अब यह बच्ची पूर्ण स्वस्थ है। बच्ची के स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
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