रंगभरी एकादशी की पूर्व संध्या पर मंगलवार को गौरा का गौना कराने काशी पुराधिपति गाजे बाजे संग ससुराल पहुंचे। महंत आवास पर बाबा की बरात के पहुंचने के बाद यहां मेवा, फल, रंगभरी ठंडई से पारंपरिक स्वागत किया गया। रंगभरी एकादशी पर बुधवार को महंत आवास से लेकर काशी की गलियों तक रंग और गुलाल उड़ाया जाएगा।
Nationalism Always Empower People
More Stories
Lucknow की ‘लेडी डॉन’ ने आईएएस की पत्नी बनकर महिलाओं से ठगी की, 1.5 करोड़ रुपये हड़पे
Rishikesh में “अमृत कल्प” आयुर्वेद महोत्सव में 1500 चिकित्सकों ने मिलकर बनाया विश्व कीर्तिमान, जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में
Jhansi पुलिस और एसओजी की जबरदस्त कार्रवाई: अपहृत नर्सिंग छात्रा नोएडा से सकुशल बरामद