सात साल पहले पीसीएस अधिकारी एबीएसए कृष्ण मुरारी यादव की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश्वर शुक्ल की अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। इसमें दो सगे भाईयों समेत तीन को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।चौबेपुर के अमोली गांव में तीन फरवरी 2014 को एबीएसएस कृष्ण मुरारी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एबीएसए के पिता जग नारायण यादव ने गांव के ही दिलीप यादव और राजकुमार यादव सगे भाइयों और एक अन्य प्रदुमभन पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। अदालत में एडीजीसी वंदना श्रीवास्तव की दलील थी कि अभियुक्तों ने वादी जगनारायण यादव के पीसीएस बेटे कृष्ण मुरारी की खेत में गोली मारकर हत्या की थी। अपराध की गंभीरता को देखते हुए अभियुक्तों को कठोरतम सजा सुनाई जाए।
वादी के अधिवक्ता मुजाहिर हुसैन व संजय राय के मुताबिक वादी जगनारायण यादव ने चौबेपुर में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि गांव के दिलीप यादव, राजकुमार दोनों भाई और एक अन्य पारिवारिक सदस्य प्रदुमभन बाइक से खेत पर पहुंचे और दिलीप के ललकारने पर राजकुमार ने गोली मारकर पीसीएस अधिकारी पुत्र कृष्ण मुरारी की हत्या कर दी। अभियुक्त राजकुमार के पास से तमंचा व कारतूस भी बरामद हुआ था। अभियुक्तों का वादी पक्ष से जमीन की पुरानी रंजिश थी और पुत्र के पीसीएस अधिकारी बन जाने से जलन की भावना भी रखते थे।
सात साल पहले पीसीएस अधिकारी एबीएसए कृष्ण मुरारी यादव की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश के वाराणसी जनपद के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम राजेश्वर शुक्ल की अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। इसमें दो सगे भाईयों समेत तीन को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।
चौबेपुर के अमोली गांव में तीन फरवरी 2014 को एबीएसएस कृष्ण मुरारी यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। एबीएसए के पिता जग नारायण यादव ने गांव के ही दिलीप यादव और राजकुमार यादव सगे भाइयों और एक अन्य प्रदुमभन पर हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।
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