उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की वित्त समिति की बैठक में घाटे का बजट पेश किया गया। इसके पीछे कोरोनाकाल में देर से फीस मिलना और परीक्षा पारिश्रमिक की दरों में बढ़ोत्तरी को जिम्मेदार ठहराया गया है। आगामी सत्र 2020-21 में आय 50 करोड़ 49 लाख के सापेक्ष 73 करोड़ 93 लाख रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है। इससे विद्यापीठ को वर्तमान सत्र में 23 करोड़ 44 लाख रुपये का घाटा होने की संभावना जताई गई है। सोमवार को कुलपति प्रो. टीएन सिंह की अध्यक्षता में पंत प्रशासनिक भवन सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन सभागार में वित्त समिति की बैठक आयोजित की गई। विद्यापीठ की वर्ष 2021-22 हेतु अनुमानित आय रुपये 75 करोड़ 02 लाख के सापेक्ष 98 करोड़ 37 लाख रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है। इससे वर्ष 2021-22 में विद्यापीठ को कुल रुपये 23 करोड़ 35 लाख का घाटा होने की आशंका है।अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा पारिश्रमिक की दरें बढ़ने के बाद परीक्षा शुल्क की दरों में की गई वृद्धि बाद में वापस ले लिए जाने तथा कोविड-19 के कारण शुल्क विलंब से प्राप्त होने की वजह से वर्तमान वित्तीय वर्ष में विद्यापीठ को अत्यधिक घाटा हो रहा है। इस दौरान अपर निदेशक कोषागार अमित कुमार श्रीवास्तव, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ. ज्ञान प्रकाश वर्मा, आरपी सिंह, कुलसचिव डॉ. एसएल मौर्य मौजूद रहे। काशी विद्यापीठ की सेमेस्टर परीक्षाएं शुरू, परेशान हुए अभ्यर्थी
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की सेमेस्टर परीक्षा के पहले दिन सोमवार को छात्रों में उहापोह रही। विश्वविद्यालय कैंपस में एलएलबी तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा स्थगित होने के बाद महाविद्यालय के छात्र परेशान हुए। वाराणसी समेत पांच जिलों में 44 परीक्षा केंद्रों पर सेमेस्टर परीक्षाओं का आयोजन किया गया। सोमवार को एलएलबी तृतीय सेमेस्टर के छात्र उहापोह में केंद्रों पर पहुंचे। विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर की एलएलबी तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा स्थगित होने की सूचना प्रसारित होने के बाद महाविद्यालय के छात्र भी परेशान हुए। कुलसचिव डॉ. एसएल मौर्य ने बताया कि सेमेस्टर परीक्षाएं शांतिपूर्ण ढंग से शुरू हो गई हैं। किसी भी केंद्र से किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है।विश्वविद्यालय से संबद्ध पांचों जिलों में 44 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। परीक्षा में लगभग 38 हजार विद्यार्थी शामिल हो रहे हैं। वाराणसी में परीक्षा के लिए 16 केंद्र बनाए गए हैं। चंदौली में नौ, मिर्जापुर में 11, सोनभद्र में छह और भदोही में दो केंद्र बनाए गए हैं। स्नातकोत्तर तृतीय व पंचम सेमेस्टर की परीक्षाएं आठ अप्रैल तक चलेंगी। उत्तर पुस्तिकाओं के संकलन के लिए वाराणसी सहित पांच जिलों में नौ केंद्र बनाए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की वित्त समिति की बैठक में घाटे का बजट पेश किया गया। इसके पीछे कोरोनाकाल में देर से फीस मिलना और परीक्षा पारिश्रमिक की दरों में बढ़ोत्तरी को जिम्मेदार ठहराया गया है। आगामी सत्र 2020-21 में आय 50 करोड़ 49 लाख के सापेक्ष 73 करोड़ 93 लाख रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है। इससे विद्यापीठ को वर्तमान सत्र में 23 करोड़ 44 लाख रुपये का घाटा होने की संभावना जताई गई है।
सोमवार को कुलपति प्रो. टीएन सिंह की अध्यक्षता में पंत प्रशासनिक भवन सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन सभागार में वित्त समिति की बैठक आयोजित की गई। विद्यापीठ की वर्ष 2021-22 हेतु अनुमानित आय रुपये 75 करोड़ 02 लाख के सापेक्ष 98 करोड़ 37 लाख रुपये के व्यय का प्रावधान किया गया है। इससे वर्ष 2021-22 में विद्यापीठ को कुल रुपये 23 करोड़ 35 लाख का घाटा होने की आशंका है।
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