प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए चल रहे आवेदन के साथ अनापत्ति प्रमाणपत्र यानी एनओसी देना अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य नहीं है। जो अभ्यर्थी पहले से किसी दूसरी जगह नौकरी कर रहे हैं उनका आवेदन बिना एनओसी के भी मान्य होगा, लेकन लिखित परीक्षा में सफल घोषित होने किए जाने के बाद इंटरव्यू के लिए बुलाए जाने पर अभ्यर्थियों को आयोग के समक्ष एनओसी प्रस्तुत करना होगा। इस बाबत आयोग की ओर से स्थिति स्पष्ट की गई है।असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के के लिए आवेदन की प्रक्रिया 25 फरवरी से शुरू हुई थी। अभ्यर्थियों से विज्ञापन संख्या 46 के तहत एक विषय भूगर्भ विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर के एक पद और विज्ञापन संख्या 50 के तहत 49 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। अभ्यर्थी जब ऑनलाइन आवेदन सब्मिट कर रहे हैं तो उनसे दूसरी जगह नौकरी की स्थिति में एनओसी मांगा जा रहा है। पिछली भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के दौरान एनओसी जमा करना पड़ता था। इस बार आवेदन के दौरान ही एनओसी मांगे जाने से अभ्यर्थी परेशान हो गए।
अभ्यर्थियों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि एनओसी बनवाने की विभागीय प्रक्रिया काफी लंबी होती हैं और इसमें वक्त लगता है। ऐसे में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से वंचित हो रहे थे। अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में भी अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। इस बारे में आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि आवेदन के वक्त एनओसी की कोई अनिवार्यता नहीं है। बिना एनओसी के भी आवेदन मान्य होगा। अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के दौरान एनओसी जमा करना होगा।
प्राचार्य भर्ती के लिए इंटरव्यू शुरू, 67 फीसदी उपस्थिति
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में प्राचार्य के 290 पदों पर भर्ती के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गई। उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग ने लिखित परीक्षा के आधार पर इंटरव्यू के लिए कुल 612 अभ्यर्थियों को अर्ह घोषित किया है। पहले दिन 12 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था, जिनमें से आठ अभ्यर्थी उपस्थित रहे और चार अभ्यर्थी साक्षात्कार में शामिल नहीं हुए। यानी उपस्थिति 67 फीसदी रही। इंटरव्यू के साथ अभ्यर्थियों के अभिलेख सत्यापन की प्रक्रिया भी चल रही है। प्रतिदिन 12-12 अभ्यर्थियों के इंटरव्यू लिए जाएंगे। आयोग ने अब तक दो चरणों में इंटरव्यू के कार्यक्रम जारी किए हैं। साक्षात्कार मई में पूरा होने की उम्मीद है।
प्रदेश के अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के लिए चल रहे आवेदन के साथ अनापत्ति प्रमाणपत्र यानी एनओसी देना अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य नहीं है। जो अभ्यर्थी पहले से किसी दूसरी जगह नौकरी कर रहे हैं उनका आवेदन बिना एनओसी के भी मान्य होगा, लेकन लिखित परीक्षा में सफल घोषित होने किए जाने के बाद इंटरव्यू के लिए बुलाए जाने पर अभ्यर्थियों को आयोग के समक्ष एनओसी प्रस्तुत करना होगा। इस बाबत आयोग की ओर से स्थिति स्पष्ट की गई है।
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के के लिए आवेदन की प्रक्रिया 25 फरवरी से शुरू हुई थी। अभ्यर्थियों से विज्ञापन संख्या 46 के तहत एक विषय भूगर्भ विज्ञान के असिस्टेंट प्रोफेसर के एक पद और विज्ञापन संख्या 50 के तहत 49 विषयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 2002 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। अभ्यर्थी जब ऑनलाइन आवेदन सब्मिट कर रहे हैं तो उनसे दूसरी जगह नौकरी की स्थिति में एनओसी मांगा जा रहा है। पिछली भर्ती परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के दौरान एनओसी जमा करना पड़ता था। इस बार आवेदन के दौरान ही एनओसी मांगे जाने से अभ्यर्थी परेशान हो गए।
Assistant Professor Exam
अभ्यर्थियों के सामने सबसे बड़ी समस्या यह थी कि एनओसी बनवाने की विभागीय प्रक्रिया काफी लंबी होती हैं और इसमें वक्त लगता है। ऐसे में बड़ी संख्या में अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से वंचित हो रहे थे। अभ्यर्थियों ने उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग में भी अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। इस बारे में आयोग की सचिव वंदना त्रिपाठी ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा है कि आवेदन के वक्त एनओसी की कोई अनिवार्यता नहीं है। बिना एनओसी के भी आवेदन मान्य होगा। अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के दौरान एनओसी जमा करना होगा।
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