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उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को खासा हंगामा हुआ। यहां मंच पर भाजपा नेताओं को पहले आमंत्रित करने एवं उसके बाद स्थान खाली करने की बात पर पार्टी कार्यकर्ता भड़क गए। महानगर अध्यक्ष भी इस बात से नाराज हो गए। उनके द्वारा नाराजगी जताने के बाद कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यक्रम में नारेबाजी होता देखकर प्रशासनिक अफसर भाजपा नेताओं के मान मनौव्वल में जुट गए। हालांकि, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के कार्यक्रम में आगमन से पहले वहां सबकुछ सामान्य हो गया।दरअसल, उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र में सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। वहां सिद्धार्थ नाथ सिंह के आने के पूर्व कार्यक्रम का संचालन करने वाले ने भाजपा गंगापार, महानगर और यमुनापार के अध्यक्ष को मंच पर आमंत्रित किया। इस बीच जब प्रशासनिक अफसरों का आगमन मंच पर हुआ तो भाजपा पदाधिकारियों को दूसरे स्थान पर बैठने के लिए कह दिया गया। यह सुनते वहां मंच के सामने मौजूद कार्यकर्ता शोर करने लगे। इस दौरान महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने भी इस अव्यवस्था के लिए जिला प्रशासन के अफसरों को खरी-खोटी सुनाई।यमुनापार अध्यक्ष विभवनाथ भारती, गंगापार अध्यक्ष अश्वनी दुबे ने भी कहा कि इस तरह से पहले मंच पर बैठाना और फिर स्थान बदलने को कहने का तरीका ठीक नहीं है। इस अव्यवस्था से नाराज होकर कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि कमिश्नर, आईजी, डीएम आदि अफसरों ने किसी तरह से पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर शांत किया। भाजपा नेताओं ने कहा कि महानगर अध्यक्ष का प्रोटोकाल है कि वह कैबिनेट मंत्री के बगल में ही बैठे। पार्टी नेताओं ने कहा कि लखनऊ में भी सीएम योगी की प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी प्रोटोकाल के तहत उनके बगल में ही बैठे थे। भाजपा मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने कहा कि संचालन वाले व्यक्ति की गलतफहमी से ही कार्यकर्ताओं में थोड़ी देर के लिए नाराजगी रही, लेकिन बाद में सबकुछ सामान्य हो गया।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र में राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शुक्रवार को खासा हंगामा हुआ। यहां मंच पर भाजपा नेताओं को पहले आमंत्रित करने एवं उसके बाद स्थान खाली करने की बात पर पार्टी कार्यकर्ता भड़क गए। महानगर अध्यक्ष भी इस बात से नाराज हो गए। उनके द्वारा नाराजगी जताने के बाद कार्यकर्ताओं ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यक्रम में नारेबाजी होता देखकर प्रशासनिक अफसर भाजपा नेताओं के मान मनौव्वल में जुट गए। हालांकि, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के कार्यक्रम में आगमन से पहले वहां सबकुछ सामान्य हो गया।
दरअसल, उत्तर मध्य सांस्कृतिक केन्द्र में सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से एक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था। वहां सिद्धार्थ नाथ सिंह के आने के पूर्व कार्यक्रम का संचालन करने वाले ने भाजपा गंगापार, महानगर और यमुनापार के अध्यक्ष को मंच पर आमंत्रित किया। इस बीच जब प्रशासनिक अफसरों का आगमन मंच पर हुआ तो भाजपा पदाधिकारियों को दूसरे स्थान पर बैठने के लिए कह दिया गया। यह सुनते वहां मंच के सामने मौजूद कार्यकर्ता शोर करने लगे। इस दौरान महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने भी इस अव्यवस्था के लिए जिला प्रशासन के अफसरों को खरी-खोटी सुनाई।
यमुनापार अध्यक्ष विभवनाथ भारती, गंगापार अध्यक्ष अश्वनी दुबे ने भी कहा कि इस तरह से पहले मंच पर बैठाना और फिर स्थान बदलने को कहने का तरीका ठीक नहीं है। इस अव्यवस्था से नाराज होकर कार्यकर्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि कमिश्नर, आईजी, डीएम आदि अफसरों ने किसी तरह से पार्टी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं को समझा-बुझाकर शांत किया। भाजपा नेताओं ने कहा कि महानगर अध्यक्ष का प्रोटोकाल है कि वह कैबिनेट मंत्री के बगल में ही बैठे। पार्टी नेताओं ने कहा कि लखनऊ में भी सीएम योगी की प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह भी प्रोटोकाल के तहत उनके बगल में ही बैठे थे। भाजपा मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने कहा कि संचालन वाले व्यक्ति की गलतफहमी से ही कार्यकर्ताओं में थोड़ी देर के लिए नाराजगी रही, लेकिन बाद में सबकुछ सामान्य हो गया।
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