इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हस्तिनापुर अभ्यारण्य में वन अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध क्रियाकलाप और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का आदेश देने से इंकार कर दिया है। इसे लेकर दाखिल जनहित याचिका में अभ्यारण्य की जमीन पर कृषि करने व जिला वन अधिकारी व अन्य वन अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कार्य कराए जाने की शिकायत की गई थी। कोर्ट ने याची को अपनी शिकायत राज्य आर्थिक अपराध शाखा से करने की छूट दी है। ताकि नियमानुसार कार्यवाही हो सके।यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव तथा न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने उ प्र भ्रष्टाचार निरोधक समिति के उपाध्यक्ष के मार्फत दाखिल जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची का कहना था कि वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अभ्यारण्य में अवैध गतिविधियां जारी है।जिसकी शिकायत की गई किंतु कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।कोर्ट ने याचिका में ठोस तथ्य के अभाव के कारण हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हस्तिनापुर अभ्यारण्य में वन अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध क्रियाकलाप और भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच का आदेश देने से इंकार कर दिया है। इसे लेकर दाखिल जनहित याचिका में अभ्यारण्य की जमीन पर कृषि करने व जिला वन अधिकारी व अन्य वन अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध कार्य कराए जाने की शिकायत की गई थी। कोर्ट ने याची को अपनी शिकायत राज्य आर्थिक अपराध शाखा से करने की छूट दी है। ताकि नियमानुसार कार्यवाही हो सके।
यह आदेश न्यायमूर्ति संजय यादव तथा न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ ने उ प्र भ्रष्टाचार निरोधक समिति के उपाध्यक्ष के मार्फत दाखिल जनहित याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची का कहना था कि वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से अभ्यारण्य में अवैध गतिविधियां जारी है।जिसकी शिकायत की गई किंतु कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।कोर्ट ने याचिका में ठोस तथ्य के अभाव के कारण हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।
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