Lok Shakti

Nationalism Always Empower People

दो से पांच दिनों में तय होना है पंचायतों का आरक्षण, दिन रात तैयारी में जुटा महकमा

पंचायतों के आरक्षण निर्धारण की गाइडलाइन जारी होने के बाद विकास भवन स्थित वार रूम का नजारा पूरी तरह से बदल गया है। दो से पांच दिनों में ही आरक्षण तय होना है। ऐसे में पंचायतवार अलग-अलग टीम बनाई गई है। स्थिति यह रही कि पंचायती राज विभाग और वार रूम में देर रात तक रौनक बनी रही।न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण शासन ने तय कर दिया है। जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख के लिए आरक्षण का आवंटन कर दिया है। इसी क्रम में शासन की ओर से बुधवार को आरक्षण निर्धारण की गाइडलाइन जारी कर दी गई। इसके अनुसार जिला स्तर पर ग्राम पंचायत प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों, सदस्यों के आवंटन किया जाना है।
इतना ही नहीं 20 से 22 मार्च के बीच आरक्षण तय कर सूची प्रकाशित की जानी है। यानी, पंचायतों के आरक्षण की संभावित सूची प्रकाशित करने के लिए जिला प्रशासन को पांच दिन मिले हैं। इसलिए इस प्रक्रिया में अतिरिक्त टीमें लगाई गईं हैं। इसके बावजूद स्थिति यह है कि डाटा का मिलान करने के लिए कर्मचारी जमीन पर बैठने से भी परहेज नहीं कर रहे। ताकि, काम जल्दी हो जाए और त्रुटि भी न होने पाए। हालांकि, इस काम में लगी टीम के लिए राहत की बात इतनी जरूर है कि पंचायत एवं जातिवार आंकड़े पहले से उपलब्ध हैं।
नए सिरे आरक्षण की प्रक्रिया में जिला पंचायत अध्यक्ष का पद अनारक्षित हो गया है। अब सबकी नजर ब्लाक प्रमुखी और प्रधानी के आरक्षण पर है। ब्लाक प्रमुखी के सहारे सियासी छलांग लगाने की तैयारी में जुटे कई नेताओं का भविष्य इस आरक्षण पर निर्भर है।
गंगापार के एक निवर्तमान ब्लाक प्रमुख भाजपा से विधानसभा की टिकट की कोशिश में हैं। पिछले विधानसभा चुनाव से पहले भी उन्होंने हर प्रमुख स्थलों पर अपने नाम के होर्डिंग लगा दिए थे। टिकट के लिए अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए वह इस बार भी ब्लाक प्रमुखी के लिए दावेदारी कर रहे हैं, लेकिन उनकी उम्मीदवारी आरक्षण पर तय होगी। गंगापार में ही एक अन्य निवर्तमान ब्लाक प्रमुख हैं जो विधानसभा चुनाव में सपा से टिकट की कोशिश में हैं। उन्होंने टिकट के लिए आवेदन भी किया है। इसी तरह से यमुनापार में एक पूर्व ब्लाक प्रमुख जिला पंचायत अध्यक्ष के दावेदारों में शामिल हैं, लेकिन इस पद के लिए भाजपा के एक कद्दावर नेता के बेटे का नाम भी सामने आ रहा है।

ऐसे में उन्हें विधानसभा भेजा जा सकता है। हालांकि, इन दोनों ही परिस्थितियों में उनका ब्लाक प्रमुखी पर दावा बना हुआ है। ऐसे में वह खुद या परिवार का कोई अन्य सदस्य ब्लाक प्रमुखी के लिए दावेदारी कर सकता है, लेकिन ब्लाक प्रमुखी के रास्ते उनकी सियासी छलांग की सफलता आरक्षण पर भी निर्भर करेगी। ब्लाक प्रमुखी के अलावा ग्राम प्रधान के आरक्षण को लेकर ग्रामीणों में काफी उत्सुकता है। लोगों की जिज्ञासा का अनुमान इससे ही लगाया जा सकता कि पिछली बार सबसे अधिक ग्राम प्रधान के लिए 867 आपत्तियां आईं थीं।
पंचायतों के आरक्षण का निर्धारण कर सूची 20 से 22 मार्च के बीच प्रकाशित की जानी है। चूंकि , प्रयागराज में 23 ब्लाक, 84 जिला पंचायत सदस्य, 1540 ग्राम प्रधान, 2086 क्षेत्र पंचायत सदस्य तथा 19820 ग्राम पंचायत सदस्यों के आरक्षण का निर्धारण किया जाना है। ऐसे में सूची का प्रकाशन आखिरी दिन यानी, 22 मार्च को होने की बात कही जा है। ऐसे में आपत्तियों के लिए सिर्फ एक दिन मिलेगा। जबकि, शासन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार आपत्तियां 20 से 22 मार्च के बीच की जा सकती हैं। हालांकि आपत्तियों के निस्तारण के लिए तीन दिन मिले हैं। आरक्षण तय करने के बाद अंतिम प्रकाशन 26 मार्च को किया जाएगा।

पंचायतों के आरक्षण निर्धारण की गाइडलाइन जारी होने के बाद विकास भवन स्थित वार रूम का नजारा पूरी तरह से बदल गया है। दो से पांच दिनों में ही आरक्षण तय होना है। ऐसे में पंचायतवार अलग-अलग टीम बनाई गई है। स्थिति यह रही कि पंचायती राज विभाग और वार रूम में देर रात तक रौनक बनी रही।

न्यायालय के आदेश के परिप्रेक्ष्य में जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण शासन ने तय कर दिया है। जिला पंचायत सदस्य, ब्लाक प्रमुख के लिए आरक्षण का आवंटन कर दिया है। इसी क्रम में शासन की ओर से बुधवार को आरक्षण निर्धारण की गाइडलाइन जारी कर दी गई। इसके अनुसार जिला स्तर पर ग्राम पंचायत प्रधानों, क्षेत्र पंचायत प्रमुखों, सदस्यों के आवंटन किया जाना है।