दरियापुर के कांग्रेस विधायक गयासुद्दीन शेख ने बुधवार को कहा कि गुजरात सरकार ने अपने बजट में अल्पसंख्यक समुदायों के लिए वर्ष 2021-22 के लिए केवल 71.61 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जो 2020-21 के बजट की तुलना में 32 करोड़ रुपये कम है। इसके साथ, शेख ने यह भी मांग की कि राज्य में उनकी आबादी के आधार पर अल्पसंख्यकों को बजट आवंटित किया जाना चाहिए। शेख सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग की बजटीय मांगों में भाग लेते हुए राज्य विधानसभा में बोल रहे थे। शेख ने कहा कि राज्य के बजट का आकार हर साल अपनी आबादी के साथ बढ़ता जा रहा है, वहीं अल्पसंख्यक समुदायों के लिए आवंटन भी बढ़ाया जाना चाहिए। हालांकि, उन्होंने कहा कि आवंटन साल-दर-साल कम हो रहा है और यहां तक कि आवंटित राशि का भी पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया है। आंकड़ों के मुताबिक, दरियापुर विधायक ने कहा कि 2019-20 के राज्य के बजट में 65.16 करोड़ रुपये का प्रावधान था। जो कि 12.94 करोड़ रु। के बराबर रहा। 2020-21 में, 104.36 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था, लेकिन उस राशि का 76.80 करोड़ रुपये बकाया था। शेख ने कहा, ‘मौजूदा बजट में आवंटन केवल 71.61 करोड़ रुपये का है। इसलिए, मौजूदा बजट में आवंटन में 32 करोड़ रुपये की कमी आई है।’ शेख ने यह भी कहा कि अगर भाजपा सरकार ‘सबका साथ, सबका विकास’ के बारे में बात करना चाहती है, तो उसे अपनी आबादी के अनुसार अल्पसंख्यकों के लिए बजट में प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने यह भी मांग की कि यदि मदरसा शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूल सामान्य शिक्षा प्रदान करने के इच्छुक हैं, तो राज्य सरकार उन्हें अनुदान प्राप्त स्कूलों का दर्जा दे। शेख ने मांग की कि राज्य सरकार के पवित्रा यत्रधाम विकास बोर्ड के तहत हाजी पीर, शाह-ए-आलम और भदियाद जैसे मुस्लिम धार्मिक स्थलों को विकसित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार को अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के पास किफायती आवास योजना भी आनी चाहिए। ।
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