पंकज त्रिपाठी: केवल एक्टिंग सीखने के लिए ग्रेजुएशन में लिया गया था एडमिशन, गांव के लोगों से प्रेरित होते हैं। – Lok Shakti

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पंकज त्रिपाठी: केवल एक्टिंग सीखने के लिए ग्रेजुएशन में लिया गया था एडमिशन, गांव के लोगों से प्रेरित होते हैं।

कहते हैं मुंबई माया नगरी है जहाँ आने के बाद इंसान के सपने ही नहीं बल्कि खुद वो इंसान भी बदल जाता है। और जो न बदले वो पंकज त्रिपाठी (पंकज त्रिपाठी) हैं। जी हां… पंकज त्रिपाठी, जो मिट्टी से निकले, मिट्टी में बढ़ें और आज भी उसी मिट्टी को दिल में बसाए बैठे हैं। भले ही वर्षों से मुंबई में बने रहें लेकिन गांव की शब्दावली आज भी उनके अंदर समाई है। और वे शब्द जो कदर तक उनके अंदर पैठ बना चुके हैं वे उसी से साबित हो जाते हैं कि आज भी उनके कुछ फेमस किरदार गांव के कुछ लोगों से प्रेरित होते हैं। गांव के अनुभवों को उतारते हैं पर्दे पर एक इंटरव्यू में पंकज त्रिपाठी ने खुद बताया था कि जब वह गांव मे थे तो कुछ दिलचस्प लोग हुए हैं। जिनसे उन्होंने काफी कुछ सीखा। जब वे खुद एक्टर बन गए और जब उन्हें मौका मिला तो कुछ उसी तरह किरदारों को जीने का मौका मिला। और यकीन मानिए पंकज त्रिपाठी ने इस यादगार किरदारों में खूब वाहवाही लूटी थी। चाहे वो फुकरे के पंडित जी हों या फिर महिला के रूद्र। उन्होने किस किरदार को उसे पकड़ा वो जी गया। एक्टिंग सीखने के लिए की थी ग्रेजुएशनक्या आप जानते हैं कि पंकज त्रिपाठी एक्टिंग में आए थे। दरअसल, उन्होंने कुछ ऐसी सीखने की इच्छा जताई जिसमें पैसा न लगता हो तो उन्होंने दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के बारे में सुना। लेकिन वहाँ एडमिशन पाने की एक ही शर्त थी वह ग्रेजुएशन थी। लिहाज़ा सिर्फ इसी कारण से पंकज त्रिपाठी ने ग्रेजुएशन करने का फैसला नहीं लिया तो पहले ही अपनी पढ़ाई छोड़ चुके थे। गाँव से आज भी जुड़ा हुआ है। वे भले ही मुंबई में रहते हैं लेकिन इस शहर में भी उन्होने अपने भीतर एक गांव बसा रखा है। और वे आज भी उस माटी को याद करते हैं, जिसमें वे रचे रहते हैं। ये भी पढ़ें: प्रियंका चोपड़ा ने ऑस्ट्रेलियाई दर्शकों को दिया करारा जवाब, कर दी बोलती बंद