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महाशिवरात्रि पर बाबा औघड़दानी बने गृहस्थ, महंत आवास पर निभाई गई विवाह की परंपरा

गुजरात के गुलाबी लहंगे में गौरा सजीं तो अड़भंगी शिव माथे पर मौर पहनकर मुस्काए। महाशिवरात्रि पर बाबा औघड़दानी गृहस्थ बन गए। टेढ़ीनीम स्थित महंत आवास पर बाबा विश्वनाथ और गौरा के विवाह की रस्म परंपरागत तरीके से निभाई गई। 357 सालों से चली आ रही विवाहोत्सव परंपरा के काशीवासी भी साक्षी बने।