गोरखपुरशिक्षा में सुधार और बच्चों के क्रिएटिवविटी को नई पहचान दिलाने के लिए परिषदीय विद्यालयों ने एक अनोखी पहल की है। बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) ने गोरखपुर मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज से टाइअप किया है। जिसके बाद यहां के इंजीनियरिंग के स्टूडेंट परिषदीय विद्यालय के बच्चों को पढ़ाएंगे। 2500 परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को देंगे लेक्चरगौरतलब है कि गोरखपुर में 2500 परिषदीय विद्यालय हैं। जिसमें हजारों बच्चे हैं। इन बच्चों को टेक्नोलॉजी के साथ-साथ उनके इनोवेशन को सही दिशा देने के लिए मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज के लगभग 900 इंजीनियरिंग स्टूडेंट की टीम बनाई गई है। यह टीम बच्चों को टेक्निकल ट्रेंड करने के अलावा 15 सेशन में लगभग 10 हजार टीचर्स को तकनीकी रूप से ट्रेंड करेगी। ये इंजीनियर सप्ताह में एक दिन बच्चों को पढ़ाएंगे। 5 स्कूलों को अभी गोद लिया हैबता दें कि इंजीनियरिंग कॉलेज शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए पहले ही 5 स्कूलों को गोद लिया है। जिसमें इंजीनियरिंग स्टूडेंट पढ़ाने जाते हैं। बॉल मनोवैज्ञानिक कहते हैं कि बच्चों का दिमाग बहुत क्रिएटिव होता है। उनको सीखने और सिखाने के लिए यह सबसे बेहतर उम्र होती है। इस उम्र में बच्चों के क्रिएटिविटी को सही दिशा मिल जाए तो उन्हें अपने फ्यूचर के लिए बहुत परेशान नहीं होना पड़ेगा। हाईटेक होगी बच्चों की शिक्षाउधर, बीएसए भूपेंद्र नारायण सिंह ने बताया कि बच्चों के हाईटेक शिक्षा के लिए सभी परिषदीय विद्यालयों की लिस्ट बनाकर एमएमयूटी को सौंप दी गई है। इस पहल से बच्चों के क्रिएटिव माइंड को नई दिशा मिलेगी। वहीं, मदन मोहन मालवीय इंजीनियरिंग कॉलेज के एनएसएस संयोजक डॉ. अवधेश कुमार ने बताया कि पढ़े गोरखपुर-बढ़े गोरखपुर स्कीम के तहत शुरू हुई इस पहल में स्कूलों के लिस्ट मिल गई है। जल्द उसपर कार्य शुरू किया जाएगा।
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