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Gonda News: गोंडा में अधिकारियों ने जिंदा व्यक्ति को मार दिया, 5 साल से खुद को जिंदा साबित करने में जुटा

हाइलाइट्स:वर्ष 2017 में तत्कालीन सचिव और लेखपाल ने मृत घोषित कर दियाअब अधिकारी कह रहे हैं गलती हो गईग्राम पंचायत के परिवार रजिस्टर में मृत दिखाकर मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी कर दियाविशाल सिंह, गोंडाहाल ही में फिल्म अभिनेता पंकज त्रिपाठी की एक फिल्म कागज आई थी। इस फिल्म में पंकज त्रिपाठी ने एक मृतक का रोल किया, जोकि सालों से कागजों में तो मृत था। लेकिन वर्तमान में जिंदा था। फिल्म कागज का जिक्र करना, इसलिए जरूरी है कि यूपी के गोंडा में भी एक ऐसा शख्स है, जो कागजों में तो मृत है, पर वर्तमान में वह जिंदा है। अपने को जिंदा साबित करने के लिए वह पिछले 5 वर्षों से जिले के आलाधिकारियों की गणेश परिक्रमा कर रहा है।अज्ञात के नाम कर दी पिता से जमीनगोंडा में एक शख्स है, जोकि पिछले 5 वर्षों से जिंदा घूम रहा है। आसपास के लोग उसके जिंदा होने का यकीन करते हैं। लेकिन कुछ ऐसे अफसर हैं। जिन्हें उसके जिंदा होने पर यकीन नहीं है। ये मामला जनपद गोंडा के झंझरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत रामनगर तरहर का है। वर्ष 2017 में तत्कालीन सचिव ने श्रीराम तिवारी पुत्र गिरजा दत्त तिवारी को जीवित होते हुए भी ग्राम पंचायत के परिवार रजिस्टर में मृत दिखाकर मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी कर दिया। तत्कालीन लेखपाल भी एक कदम आगे निकले और उन्होंने पीड़ित की खतौनी में राम गरीब पुत्र गिरजा दत्त निवासी अज्ञात के नाम पीड़ित की ही सारी भूमि वरासत कर डाली। इसके बाद से ही पीड़ित श्री राम तिवारी पुत्र गिरजा दत्त तिवारी पिछले 5 सालों से अपने को जीवित होने का सबूत दे रह हैं। राजस्व एवं विकास खंड के अधिकारी पीड़ित को ही अब कसूरवार ठहरा रहे हैं और अधिकारी हैं कि उसको जिंदा मानने को तैयार ही नहीं हैं।अधिकारी बोले-पिता का नाम एक होने से गलती से हो गई वरासतइस पूरे मामले पर अधिकारियों का कहना है कि दोनों के पिता का नाम एक ही है, इसलिए गलती से वरासत हो गई होगी। हालांकि, इस पूरे मामले पर कागजों में मृत पीड़ित श्री राम तिवारी का कहना है कि अफसर कहते हैं, अगर तुम जिंदा हो तो कभी न कभी जमीन मिल ही जाएगी। उसने यह भी कहा कि तहसील और राजस्व विभाग की ओर से कोई सुनवाई नहीं हो रही है, जबकि वह लगातार अधिकारियों के चक्कर लगा रहा है।पीड़ित को निश्चित रूप से न्याय दिलाया जाएगा: एसडीएमएसडीएम सदर कुलदीप सिंह से जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस तरह की उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है, अगर ऐसा कोई भी मामला है तो जांच कराई जाएगी। हालांकि आश्वासन देते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित को निश्चित रूप से न्याय दिलाया जाएगा।