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मासूम खुशी की मौत की वजह जांचने में जुटा प्रशासन, यूनाइटेड मेडिसिटी में बच्ची की मौत का मामला

prayagraj news : खुशी की मौत के मामले की जांच करने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते कांग्रेसी।
– फोटो : prayagraj

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कौशाम्बी जिले में शुक्रवार को हुई तीन वर्ष की खुशी मिश्रा की मौत की जांच कई पहलुओं पर चल रही है। प्रशासन की टीम इस बात का पता लगा रही है कि लापरवाही कहां और किस स्तर पर हुई। यह भी देखा जा रहा है कि क्या बच्ची की मौत यूनाइटेड मेडिसिटी सेंटर के बाहर हुई या कहीं और? जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी के निर्देश पर गठित कमेटी में शामिल  एडीएम सिटी एके कनौजिया एवं सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय की कमेटी ने लगातार दूसरे दिन भी अस्पताल प्रशासन व बच्ची के परिजनों से बातचीत की।बातचीत के आधार पर प्रथम दृष्टया बच्ची की मौत का कारण शरीर में इंफेक्शन होना बताया जा रहा है। हालांकि बच्ची के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने के जो आरोप लगाए हैं, उन बिंदुओं पर भी जांच टीम का फोकस है। दरअसल करेली के कहेंदरा के मोहन मिश्र की तीन साल की बेटी खुशी मिश्रा का इलाज जिला कौशांबी के पिपरी में यूनाइटेज मेडिसिटी सेंटर में चल रहा था। उसके परिजनों का आरोप है कि उपचार के दौरान डॉक्टरों द्वारा बरती गई लापरवाही की वजह से उनकी बेटी की मौत हो गई।हालांकि अस्पताल प्रशासन द्वारा इस मामले में अपना पक्ष रखा जा चुका है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने दो सदस्यीय टीम बनाकर जांच करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है। वैसे रिपोर्ट रविवार को दी जानी थी, लेकिन अभी उसे तैयार नहीं किया जा सका है। वहीं एडीएम सिटी और सीएमओ भी तफ्तीश के साथ ही रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं। इस बारे में एडीएम सिटी ने बताया कि  एके कनौजिया ने बताया कि अभी जांच चल रही है। रिपोर्ट तैयार होते ही इसकी जानकारी दी जाएगी।
पीएमओ को लिखा पत्र, एफआईआर दर्ज करने की मांग 
सपा नेता रिचा सिंह ने तीन वर्ष की खुशी मिश्रा की मौत के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय एवं नेशनल मेडिकल कमीशन और बाल आयोग को पत्र लिखकर अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि खुशी को रुपयों के अभाव में अस्पताल से बाहर निकाला गया। कहा कि इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

कौशाम्बी जिले में शुक्रवार को हुई तीन वर्ष की खुशी मिश्रा की मौत की जांच कई पहलुओं पर चल रही है। प्रशासन की टीम इस बात का पता लगा रही है कि लापरवाही कहां और किस स्तर पर हुई। यह भी देखा जा रहा है कि क्या बच्ची की मौत यूनाइटेड मेडिसिटी सेंटर के बाहर हुई या कहीं और? जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी के निर्देश पर गठित कमेटी में शामिल  एडीएम सिटी एके कनौजिया एवं सीएमओ डॉ. प्रभाकर राय की कमेटी ने लगातार दूसरे दिन भी अस्पताल प्रशासन व बच्ची के परिजनों से बातचीत की।

बातचीत के आधार पर प्रथम दृष्टया बच्ची की मौत का कारण शरीर में इंफेक्शन होना बताया जा रहा है। हालांकि बच्ची के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर इलाज में लापरवाही बरतने के जो आरोप लगाए हैं, उन बिंदुओं पर भी जांच टीम का फोकस है। दरअसल करेली के कहेंदरा के मोहन मिश्र की तीन साल की बेटी खुशी मिश्रा का इलाज जिला कौशांबी के पिपरी में यूनाइटेज मेडिसिटी सेंटर में चल रहा था। उसके परिजनों का आरोप है कि उपचार के दौरान डॉक्टरों द्वारा बरती गई लापरवाही की वजह से उनकी बेटी की मौत हो गई।

हालांकि अस्पताल प्रशासन द्वारा इस मामले में अपना पक्ष रखा जा चुका है। वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी ने दो सदस्यीय टीम बनाकर जांच करने का निर्देश दिया है। इतना ही नहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी मामले को स्वत: संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी से इस पूरे मामले पर रिपोर्ट मांगी है। वैसे रिपोर्ट रविवार को दी जानी थी, लेकिन अभी उसे तैयार नहीं किया जा सका है। वहीं एडीएम सिटी और सीएमओ भी तफ्तीश के साथ ही रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं। इस बारे में एडीएम सिटी ने बताया कि  एके कनौजिया ने बताया कि अभी जांच चल रही है। रिपोर्ट तैयार होते ही इसकी जानकारी दी जाएगी।
पीएमओ को लिखा पत्र, एफआईआर दर्ज करने की मांग 

सपा नेता रिचा सिंह ने तीन वर्ष की खुशी मिश्रा की मौत के मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय एवं नेशनल मेडिकल कमीशन और बाल आयोग को पत्र लिखकर अस्पताल प्रशासन पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि खुशी को रुपयों के अभाव में अस्पताल से बाहर निकाला गया। कहा कि इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।