8 April 2019
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में ढ्ढक्कष्ट की धारा 124ए (जो की देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करती है) को खत्म करने वाला वादा कर यह जाहिर कर दिया है कि वह टुकडे–टुकड़े गैंग के साथ है।
यहॉ यह उल्लेखनीय है कि जेएनयू में अफजल गुरू का शहीदी दिवस मनाते हुए जेएनयू में कन्हैय्या कुमार, ऊमर खालिद आदि छात्र नेताओं की उपस्थिति में नारे लगे थे पाकिस्तान जिंदाबाद, भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशा अल्लाह इंशा अल्लाह, कश्मीर की आजादी तक जंग रहेगी जंग रहेगी, भारत की बर्बादी तक …
उक्त छात्र नेताओं की पीठ थपथपाने के लिये राहुल गांधी केजरीवाल और वामपंथी नेताओं के साथ जेएनयू पहुंच गये थे।
अब कांग्रेस ने मुहर लगा दी है कि वो सत्ता में आई तो इस प्रकार के नारे गली–गली में चौराहे–चौराहे पर शिक्षा के मंदिरों में लगेंगे तो भी वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ही माना जायेगा देशद्रोह नहीं।
कांग्रेस की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने शनिवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को देशभक्ति की एक नयी परिभाषा सिखायी जा रही है जबकि विविधता स्वीकार नहीं करने वालों को देशभक्त कहा जा रहा है।
सोनिय गांधी जी ने देशद्रोह कानून की समाप्ति को विविधता से जोड़ दिया है।
विविधता का मतलब टुकड़े–टुकड़े गैंग ने जो जेएनयू में नारे लगाये थे वह कदापि नहीं हो सकता। सोनिया गांधी जी ने विविधता शब्द का उसी प्रकार से दुरपयोग किया है जैसे कांग्रेस सेक्युलरिज्म शब्द का दुरपयोग करते रही है।
कांग्रेस की सहयोगी पार्टी नेशनल कांफ्रेस के नेता और पीडीपी की महबुबा मुफ्ती ने आवाज बुलंद की है कि कश्मीर के लिये अलग प्रधानमंत्री होना चाहिये।
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिपुरा में भाषण देते हुए कहा है : दीदी दिन रात सिर्फ एक ही बात कर रही हैं– मोदी हटाओ, मोदी हटाओ। वोट बैंक पॉलिटिक्स के लिए दीदी, मां (भारत) को भुलाकर टुकड़े करने वालों के साथ खड़ी हो गईं। पश्चिम बंगाल के लोगों को टीएमसी के गुंडों के हवाले कर उन्होंने मानुष को खतरे में डाल दिया है। दीदी उन लोगों का साथ दे रही हैं जो भारत के दो प्रधानमंत्री चाहते हैं। एक सपूत जिसने एक प्रधान, एक निशान, एक विधान के लिए अपना बलिदान दे दिया, वह श्यामाप्रसाद मुखर्जी इसी बंगाल की धरती के थे।“
सोनिया गांधी जी ने जो परिभाषा देशभक्ति की दी है और उसके संदर्भ में जिस प्रकार से कांंग्रेस ने देशद्रोह के कानून को जिस प्रकार से समाप्त किया है उसके परिपेक्ष्य में यदि आज के समाचार
”केंद्र बनाम राज्य: अब भोपाल में ष्टक्रक्कस्न और पुलिस में टकरावÓÓ को समझा जाये और इसके पूर्व ४ फरवरी २०१९ के घटनाक्रम को ”पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी बनाम सीबीआई, जानें कब, कैसे क्या हुआÓÓकी विवेचना करें तो हमें ऐसा प्रतीत होता है कि कश्मीर के लिये जैसे अलग प्रधानमंत्री पुन: बनाये जाने की मांग हो री है अब इसी प्रकार की मांग हर प्रांतों में उठाये जाने के लिये कांगे्रस प्रोत्साहन का कारण बनेंगी।
अब लगता है कि महागठबंधन भानूमति का पिटारा जो बना है वह सत्ता में आया तो हर प्रांत पृथक देश बन जायेगा और हर इस प्रकार के प्रांत के लिये प्रधानमंत्री बनाये जायेंगे।