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वाराणसी: एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी के आरोपी की जमानत अर्जी खारिज, साक्ष्य संकलित किया जाना शेष 

प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : सोशल मीडिया

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इंडोनेशिया में कोयले के व्यापार के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी दुर्गाकुंड निवासी व्यापारी सुयश अग्रवाल की जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पुष्कर उपाध्याय की अदालत ने खारिज कर दी। अदालत में वादी आनंद प्रकाश की तरफ से एडीजीसी विनय कुमार सिंह और अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व वरुण प्रताप सिंह प्रिंस ने आरोपी की जमानत अर्जी का विरोध किया।अदालत ने कहा कि मामले में विवेचना चल रही है। साक्ष्य संकलित किया जाना शेष है। कथित सल्फर के कारण अचानक भारी घाटा होने के तथ्य की भी विवेचक द्वारा जांच जरूरी है। इस मामले में इंडोनेशिया में व्यापार में धोखाधड़ी करने का गंभीर मामला अंतर्निहित है। वादी ने एक करोड़ रुपये से अधिक की निवेश की गई धनराशि का धोखाधड़ी कर गबन करने का गंभीर आरोप लगाया है।आरोपी पर इंडोनेशिया में कोयले के व्यापार में वादी व अन्य व्यक्तियों को फर्जी बैंक  गारंटी का प्रलोभन देकर करोड़ों का निवेश कराने के बाद कंपनी को घाटे में दिखाकर पैसा हड़पने का आरोप है। साथ ही फर्जी बैंक गारंटी बनाकर कूटरचना करने, धोखाधड़ी करने एवं आपराधिक न्यासभंग करने और पैसा मांगने पर जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया गया है। ऐसे में आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की जाती है।

इंडोनेशिया में कोयले के व्यापार के नाम पर एक करोड़ से ज्यादा की धोखाधड़ी के मामले में आरोपी दुर्गाकुंड निवासी व्यापारी सुयश अग्रवाल की जमानत अर्जी विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम पुष्कर उपाध्याय की अदालत ने खारिज कर दी। अदालत में वादी आनंद प्रकाश की तरफ से एडीजीसी विनय कुमार सिंह और अधिवक्ता श्रीनाथ त्रिपाठी व वरुण प्रताप सिंह प्रिंस ने आरोपी की जमानत अर्जी का विरोध किया।

अदालत ने कहा कि मामले में विवेचना चल रही है। साक्ष्य संकलित किया जाना शेष है। कथित सल्फर के कारण अचानक भारी घाटा होने के तथ्य की भी विवेचक द्वारा जांच जरूरी है। इस मामले में इंडोनेशिया में व्यापार में धोखाधड़ी करने का गंभीर मामला अंतर्निहित है। वादी ने एक करोड़ रुपये से अधिक की निवेश की गई धनराशि का धोखाधड़ी कर गबन करने का गंभीर आरोप लगाया है।

आरोपी पर इंडोनेशिया में कोयले के व्यापार में वादी व अन्य व्यक्तियों को फर्जी बैंक  गारंटी का प्रलोभन देकर करोड़ों का निवेश कराने के बाद कंपनी को घाटे में दिखाकर पैसा हड़पने का आरोप है। साथ ही फर्जी बैंक गारंटी बनाकर कूटरचना करने, धोखाधड़ी करने एवं आपराधिक न्यासभंग करने और पैसा मांगने पर जान से मारने की धमकी देने का गंभीर आरोप लगाया गया है। ऐसे में आरोपी की जमानत अर्जी खारिज की जाती है।