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बोधघाट बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना बस्तर के विकास का नया अध्याय लिखेगी। इंद्रावती नदी के जल का बस्तरवासियों के हक में सदुपयोग के लिए बोधघाट सिंचाई परियोजना का निर्माण जरूरी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह मानना है कि बस्तर के विकास के इतिहास में बोधघाट प्रोजेक्ट अब तक का एक मात्र ऐसा प्रोजेक्ट है, जिसका शत-प्रतिशत लाभ सिर्फ और सिर्फ बस्तरवासियों को मिलना है।
बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा बीजापुर और सुकमा जैसे वामपंथ उग्रवाद से प्रभावित जिलों में अब बंदूक की जगह फसलें उगेंगी। खेत लहलहाएंगे। धरती धानी चादर ओढ़ खुशहाली के गीत गाएगी। यहां का जनजीवन मुस्कुराएगा। किसानों के कांधों पर नागर और हाथों में फावड़ा और कुदाल होगी। धरती पर नई कपोले फूटेंगी, जो लोगों के जन जीवन में नया सवेरा और नई उमंग लाएगी।
सीएम ने कहा कि बस्तर अंचल की जीवनदायिनी इंद्रावती नदी के मात्र 11 टीएमसी जल का ही उपयोग अभी बस्तरवासियों के हक हो पा रहा है, जबकि इंद्रावती नदी के 300 टीएमसी जल पर बस्तरवासियों का हक है। बोधघाट सिंचाई परियोजना के निर्माण से इंद्रावती नदी के जल के सदुपयोग में एक ओर 30 गुना की वृद्धि होगी। दूसरी ओर बस्तर और बस्तरवासी की खुशहाली और समृद्धि में इसकी वजह से कई गुना की बढ़ोतरी होगी।
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