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प्रदेश के उद्योगपतियों का कहना है कि एनएमडीसी ने कीमतें घटाने के नाम पर केवल खानापूर्ति किया है। अगर एनएमडीसी द्वारा जल्द ही और कीमतें नहीं घटाई गई तो उद्योगों की हालत और खराब हो जाएगी। अभी भी उद्योगों को पांच हजार रुपये प्रति टन का नुकसान उठाना पड़ रहा है। उद्योगपतियों का कहना है कि इस संबंध में मंगलवार को उद्योग विभाग के अधिकारियों और माइनिंग सचिव के साथ मुलाकात भी की गई। जल्द ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मुलाकात की जाएगी।
अब एनएमडीसी से बातचीत भी राज्य शासन की मध्यस्थता में ही होगी क्योंकि एनएमडीसी कीमतें घटाने की ओर ध्यान नहीं दे रहा है। रोलिंग मिल, स्टील सेक्टर से जुड़े उद्योगपतियों का कहना है कि कोरोना काल में भी एनएमडीसी ने आयरनओर कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी की है। बीते साल जून 2020 से लेकर दिसंबर 2020 तक आयरन ओर की कीमतों में 120 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। जून 2020 में आयरनओर 3734 रुपये प्रति टन था,जो जनवरी 2021 में बढ़कर 8650 रुपये प्रति टन हो गया।
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