अब तक लगभग 19602 किसानों से लगभग 114944 में.टन धान का उपार्जन किया गया – Lok Shakti
October 18, 2024

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अब तक लगभग 19602 किसानों से लगभग 114944 में.टन धान का उपार्जन किया गया

महादेव कावरे के मार्गदर्शन एवं जिला विपणन अधिकारी श्री चन्द्रप्रताप सिंह के दिशा-निर्देश में जिले में धान खरीदी की स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय हेतु जिले में कुल 22392 किसानों का पंजीयन किया गया, जो गतवर्ष पंजीकृत कृषक संख्या 18334 की तुलना में लगभग 4058 अधिक है। जो 22.13 प्रतिशत है। खरीफ विपणन वर्ष 20-21 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जिले में कुल 45052.8800 हेक्टेयर धान के रकबे का पंजीयन किया गया है, जो गतवर्ष पंजीयन रकबे 39263.46 हेक्टेयर रकबे की तुलना में लगभग 5789.41 हेक्टेयर अधिक है। 14.74 प्रतिशत अधिक है। इस वर्ष गिरदावरी के माध्यम से जिले में लगभग 4704 नवीन किसानों के 8378.09 हेक्टेयर नवीन रकबे का पंजीयन किया गया है। खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में जिले में पंजीकृत 22392 कृषकों में से अब तक लगभग 19602 किसानों से लगभग 114944 में.टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। गतवर्ष इसी अवधि में 11229 किसानों से 50349 में.टन का उपार्जन किया गया था।
उन्होनें बताया कि गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष वर्तमान में लगभग 74.56 प्रतिशत 8373 अधिक किसानों से धान का उपार्जन किया जा चुका है। विपणन वर्ष 2020-21 में जिले में अब तक लगभग 87.54 प्रतिशत पंजीकृत कृषक अपने धान का विक्रय कर चुके हैं। राज्य सरकार द्वारा धान खरीदी हेतु निर्धारित अंतिम तिथि तक जिले के शेष किसानों से धान उपार्जन की प्रक्रिया जारी रहेगी। जिले में धान बेचने वाले कृषकों को विक्रय किया गया धान के एवज में अब तक 214.71 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है। वर्ष 2020-21 में प्रारंभिक अनुमानित लक्ष्य 85800 में.टन धान के एवज में 114944 में.टन अधिक खरीदी की जा चुकी है। अर्थात् लक्ष्य के विरूद्ध लगभग 33.97 प्रतिशत अधिक धान खरीदी की जा चुकी है। वर्तमान परिस्थितियों में जिला प्रशासन की योजना अनुसार वर्ष 2020-21 में जिले में 1,15,000 में.टन धान का उपार्जन अनुमानित है। उक्त अनुमान के एवज में लगभग 56 में.टन धान का उपार्जन किया जाना शेष है। शेष धान के उपार्जन हेतु लगभग 3 गठान बारदानों की आवश्यकता होगी। जिसके एवज में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की जा रही है।