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अरुण जेटली ने लोक सभा में पेश कीं 85,948 करोड़ रुपये की अनुदान की पूरक मांगे

सरकार ने बृहस्पतिवार को अनुदान की पूरक मांगें पेश करते हुए संसद से चालू वित्त वर्ष में 85,948 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय की मंजूरी मांगी है। हालांकि इस अतिरिक्त व्यय में नकद व्यय महज 15,065 करोड़ रुपये होगा जबकि शेष राशि विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की बचत से जुटाई जाएगी।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए अनुदान की पूरक मांगे पेश कीं। चालू वित्त वर्ष में यह दूसरा मौका है जब सरकार ने अनुदान की पूरक मांगें संसद के समक्ष रखी हैं। इसमें सर्वाधिक राशि 41,000 करोड़ रुपये सरकारी सिक्योरिटीज के माध्यम से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के रिकैपिटलाइजेशन (पूंजी आधार बढ़ाने) के लिए मांगी गयी है।

अनुदान की पूरक मांगों में 2375 करोड़ रुपये की मांग एयर इंडिया को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के लिए की गयी है। वहीं नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी के लिए स्थाई परिसंपत्ति निर्माण के लिए 500 करोड़ रुपये देने का प्रावधान इसमें किया गया है। इसके अलावा 303 करोड़ रुपये 2019 के लोक सभा चुनाव के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और वोटर वेरिफायबल पेपर ऑडिट ट्रेल के आपूर्तिकर्ता को भुगतान करने के लिए मशीनरी और उपकरण के लिए अतिरिक्त व्यय को पूरा करने के लिए दी गयी है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर असम में तैयार किए जा रहे एनआरसी से संबंधित कार्यो के लिए भी धनराशि आवंटित की गयी है। इसके अलावा एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय के लिए भी एक लाख रुपये का टोकन आवंटन किया गया है।

उल्लेखनीय है कि सरकार ने इसी हफ्ते कैबिनेट की बैठक में आदिवासी बच्चों की पढ़ाई के लिए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। साथ ही चीनी मिलों को चीनी के बफर स्टॉक के सृजन और रखरखाव के लिए भी धनराशि का प्रावधान इसमें किया गया है।