कृषि संचालनालय के कृषि वैज्ञानिकों ने प्रदेश के किसानों को कृषि कार्य के लिए सामयिक सलाह दी है। मौसम पूर्वानुमान के अनुसार आने वाले दिनों में हल्के से बादल छाए रहने की संभावना है। आगामी मौसम को देखते हुए गेहूं फसल में दूसरी सिंचाई बुवाई के लगभग 40-50 दिन बाद करना चाहिए। इस समय नाइट्रोजन की तीसरी मात्रा की टॉप ड्रेसिंग करना चाहिए। इसके बाद लगभग हर बीस दिन के अंतराल पर सिंचाई करना चाहिए। पत्ती में भूरे रंग की धब्बे अंगमारी (ब्लाइट) दिखाई देने पर ताम्रयुक्त फफूंदनाशक दवा का 3 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से छिड़काव करें। रबी मक्का की बुवाई का समय आ गया है। अत: किसान इसकी बुवाई के लिए तैयारी करें। चना फसल में पहली सिंचाई बुवाई के 40 से 45 दिन बाद करनी चाहिए। सरसों की फसल में माहू कीट के शिशु और वयस्क दोनों ही हानिकारक अवस्थाएं है। इस कीट के अधिक प्रकोप होने पर नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल का 250 मिलीलीटर प्रति हेक्टेयर की दर से घोल बनाकर 10 से 15 दिन के अंतराल पर आवश्यकतानुसार दो से तीन बार छिड़काव करें। रबी सूरजमुखी की बुवाई का समय आ गया है। अत: किसान इसकी बुवाई के लिए तैयारी करें।
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