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कोरोनावायरस संक्रमण के दौरान निजी स्कूलों की फीस पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार की ओर से बनाए गए अशासकीय विद्यालय फीस विनियम अधिनियम 2020 के नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है। निजी स्कूलों को बार-बार निर्देश देने के बाद भी यहां पर फीस समिति का गठन नहीं किया गया। लिहाजा जिला शिक्षा अधिकारी ने 240 स्कूलों की मान्यता खत्म करने का आदेश जारी कर दिया है। इन स्कूलों को सत्र 2021- 22 से दाखिला कराने का अधिकार नहीं रहेगा।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के मुताबिक जिन स्कूलों की मान्यता खत्म की गई है उन्हें जल्द से जल्द स्कूल के बच्चों का पंजीयन रजिस्टर, दाखिला पंजी, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत दाखिल बच्चों की सूची एवं अन्य दस्तावेज विकासखंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। इन स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों को नजदीकी स्कूल में शिफ्ट कराने की जिम्मेदारी विकास खंड शिक्षा अधिकारी और नोडल प्राचार्य को होगी।
छत्तीसगढ़ में निजी स्कूल फीस विनिमयन विधेयक 2020 को बहुमत से पारित किया जा चुका है। नियमानुसार इस फीस समिति में क्लेक्टर द्वारा नामांकित नोडल सदस्य प्रायमरी, मिडिल, हाई स्कूल के स्कूल से नामांकित दो दो सदस्य होंगे। निजी स्कूलों की सबसे कम फीस पंजाब में है उसे भी आधार बनाया गया है। विद्यालय समिति फीस बढ़ाने की अनुशंसा जिला समिति को करेगी। नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्यालय के प्रथम उल्लंघन पर 50 हजार, फीस लेने की राशि का दो गुना, दूसरी गलती पर एक लाख जुर्माना, तीसरे उल्लंघन पर लिए गए फीस का चार गुना जुर्माना लगेगा। विद्यालय के विवादों पर भी समिति निर्णय करेगी।
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