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आंध प्रदेश सरकार की चंद्रबाबू नायडू सरकार ने केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य में कानून के तहत शक्तियों के इस्तेमाल के लिए दी गई ‘सामान्य रजामंदी वापस ले ली. ऐसे में अब सीबीआई आंध्र प्रदेश की सीमाओं के भीतर किसी मामले में सीधे दखल नहीं दे सकती है. प्रधान सचिव (गृह) ए आर अनुराधा द्वारा आठ नवंबर को इस संबंध में जारी एक ‘गोपनीय सरकारी आदेश गुरुवार की रात ”लीक हो गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के अनुसार ताजा सरकारी आदेश में कहा गया, ”दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 की धारा छह के तहत दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, सरकार दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों को आंध प्रदेश राज्य में इस कानून के तहत शक्तियों तथा क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल हेतु दी गई सामान्य रजामंदी वापस लेती है.
इस साल तीन अगस्त को आंध्र सरकार ने भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत विभिन्न कानूनों के तहत अपराधों की जांच के लिए केन्द्र सरकार, केन्द्र सरकार के उपक्रम के अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के खिलाफ जांच के लिए आंध्र प्रदेश में शक्तियों और क्षेत्राधिकार के इस्तेमाल के लिए दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सभी सदस्यों को ”सामान्य रजामंदी देने वाला सरकारी आदेश जारी किया था. सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून के तहत काम करती है.
इस साल मार्च में नरेंद्र मोदी नीत सरकार से संबंध तोड़ने के बाद से नायडू आरोप लगाते रहे हैं कि केन्द्र सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने में कर रहा है. कुछ कारोबारी प्रतिष्ठानों पर आयकर अधिकारियों के हालिया छापे से नायडू बहुत नाराज हैं क्योंकि इनमें से कुछ प्रतिष्ठान राज्य की सत्तारूढ टीडीपी के करीबियों के हैं. बाद में उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार छापा मारने वाले आयकर अधिकारियों को पुलिस सुरक्षा मुहैया नहीं कराएगी.
दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिश्मेंट एक्ट 1946 के तहत ये सहमति को दिल्ली स्पेशल पुलिस इश्टैब्लिशमेंट के सदस्यों को सूबे के भीतर अपनी शक्तियों और अधिकारक्षेत्र का प्रयोग करने के लिए दी जाती हैं. सीबीआई का गठन दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टैब्लिश्मेंट 1946 के तहत किया गया था.
केंद्र से बढ़ सकता है टकराव
राज्य सरकार के इस फैसले के बाद से सीबीआई अब आंध्र में कोई किसी भी तरह का कोई छापा नहीं मार पाएगी. सीबीआई की जगह एंटी करप्शन ब्यूरो आंध्र प्रदेश में संबंधित मामलों की जांच करेगा. बता दें कि बीते कुछ समय से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू भाजपा पर काफी हमलावर हैं. हाल के नायडू ने कहा था कि केंद्र की तरफ से उनकी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. सीबीआई को लेकर किए फैसले के बाद माना जा रहा है कि आंध्र सरकार और केंद्र के बीच ये और ज्यादा तनाव बढ़ा सकता है.
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