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उपभोक्ताओं के हितों के लिए बनाए गए रेरा प्राधिकरण में छत्तीसगढ़ में बीते ढाई सालों में 1200 से अधिक प्रोजेक्ट पंजीकृत हो गए हैं। इसी प्रकार 889 शिकायतों का निपटारा भी हो गया है। रेरा प्राधिकरण से मिली जानकारी के अनुसार, इन ढाई सालों में रजिस्टर्ड होने वाले प्रोजेक्टों में 1,207 प्रोजेक्ट रजिस्टर्ड हो गए हैं। वहीं 810 प्रमोटर्स, 517 एजेंट भी पंजीकृत हो चुके हैं। साथ ही अभी तक 889 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। रेरा प्राधिकरण का कहना है कि उपभोक्ताओं को यह ध्यान देना चाहिए कि ऐसे प्रोजेक्ट में घर न खरीदें, जो रेरा में पंजीकृत न हो।
रेरा प्राधिकरण द्वारा निजी बिल्डरों के साथ ही शासकीय भवन बनाने वाली एजेंसियों के खिलाफ भी फैसला सुनाया जाता है। इन दिनों शिकायतों के मामले में रायपुर ही अव्वल स्थान पर बना हुआ है। रेरा प्राधिकरण के पास आने वाली शिकायतों में मुख्य रूप से वादा खिलाफी, समय पर मकान न बनाने, पर्याप्त सुविधाएं न देने जैसी शिकायतें सामने आती हैं। इन शिकायतों का निपटारा भी जल्द से जल्द हो जाता है
रेरा प्राधिकरण ने बिल्डरों को सख्त रूप से आदेश दिया है कि अगर उन्हें अपने ब्रोशर में भी थोड़ा बदलाव करना है तो इसके लिए उन्हें उपभोक्ता से अनुमति लेनी होगी। अगर ब्रोशर में दिखाए गए वायदे पूरे नहीं किए जाते हैं, तो उपभोक्ता उनकी शिकायत कर सकता है। इसके साथ ही रेरा में पंजीकृत न होने वाले बिल्डरों पर सख्त रवैया अपनाते हुए बैंकों से भी कहा गया है कि रेरा में पंजीयन न होने वाले बिल्डरों को के लोन स्वीकृत न किए जाए।
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