भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के दलबदल के मामले में स्पीकर की कार्रवाई पर हाइकोर्ट का आदेश गुरुवार को आयेगा. इसी दिन स्पीकर रबींद्र नाथ महतो का न्यायाधिकरण भी दलबदल के मामले की सुनवाई करेगा. स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी, प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को अपना पक्ष रखना है.
स्पीकर दोपहर 12 बजे इस मामले में सुनवाई करेंगे. स्पीकर ने इससे पहले एक बार तीनों पक्षों को सुना भी है. इधर, बुधवार को झारखंड हाइकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दलबदल मामले में जारी नोटिस व स्वत: संज्ञान लेने के अधिकार को चुनौती देनेवाली याचिकाअों पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई की. चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में लगभग 3:30 घंटे तक (शाम 5:20 बजे तक) मामले की सुनवाई चली.
दोनों पक्षों ने रखी अपनी-अपनी दलीलें : भाजपा की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता आर वेंकटरमणी, अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा व कुमार हर्ष तथा बाबूलाल मरांडी की अोर से वरीय अधिवक्ता आरएन सहाय ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि विधानसभा अध्यक्ष को 10वीं अनुसूची के तहत दलबदल मामले में स्वत: संज्ञान लेने का अधिकार नहीं है.
दलबदल की किसी ने शिकायत भी नहीं की है. विधानसभाध्यक्ष ने बिना शिकायत के ही स्वत: संज्ञान से मामला दर्ज कर लिया. शोकॉज नोटिस जारी किया है, जो सही नहीं है. अंतरिम राहत देने का आग्रह किया गया. वहीं, विधानसभा की अोर से पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता राजीव रंजन ने खंडपीठ को बताया कि स्पीकर को विशेषाधिकार है.
नियमावली के अनुसार उन्हें स्वत: संज्ञान लेने का भी अधिकार है. स्पीकर की प्रोसिडिंग को बीच में रोकने का अधिकार हाइकोर्ट को नहीं है. फाइनल आदेश होने पर उसे चुनौती दी जा सकती है. बीच में प्रोसिडिंग को रोका नहीं जा सकता है. विधानसभा की अोर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने भी पक्ष रखा.
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