नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल ने कोलकाता और हावड़ा में वायु प्रदूषण पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है. एनजीटी में दायर रिट में कहा गया है कि इस वायु प्रदूषण में पुराने वाहनों की एक प्रमुख भूमिका है जिनमें सरकारी वाहन भी शामिल हैं. जस्टिस एसपी वांगदी और एक्सपर्ट मेंमबर सैबाल दासगुप्ता के डिविजन बेंच ने यह आदेश दिया है.
एडवोकेट अंकुर शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने यह रिट दायर की है. जस्टिस वांगदी के डिविजन बेंच ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण परिषद, राज्य सरकार, पर्यावरण विभाग, पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण परिषद और परिवहन विभाग को नोटिस देने का आदेश दिया है.
उन्हें अगली तारीख, यानी आठ जनवरी, से पहले इस बाबत अपनी रिपोर्ट दाखिल करनी पड़ेगी. इसकी कापी पिटिशनर को भी अग्रिम देनी पड़ेगी. डिविजन बेंच ने कहा है कि इस रिट से एहसास होता है कि इस दिशा में कार्रवाई के बावजूद यह समस्या अभी तक बरकरार है. डिविजन बेंच ने कहा है कि राज्य सरकार, विशेष करके राज्य सरकार का परिवहन विभाग, पर्यावरण विभाग और राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद रिट में उठाए गए मुद्दों पर गौर करे.
डिविजन बेंच ने कहा कि कोलकाता और हावड़ा में वायु प्रदूषण को लेकर सुभाष दत्त बनाम पश्चिम बंगाल सरकार सहित कई मामलों में आदेश दिए गए थे. हाल ही में एक मामले में उन पर अमल किए जाने का निर्देश भी दिया गया है.
रिट में कहा गया है कि पंद्रह साल या इससे अधिक पुराने वाहन सड़कों पर चल रहे हैं, जबकि सरकारी महकमों के मुताबिक उन्हें अनफिट करार दिया गया है. इस रिट में यह सवाल उठाया गया है कि सड़क पर चलने वाले अनफिट वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करना सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन यहां तो इस तरह के इस तरह के सरकारी वाहन ही सड़कों पर दौड़ रहे हैं.
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