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राजधानी में कोविड-19 की तीसरी लहर के पीछे पराली जलना भी एक वजह है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के बाद अब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी यही बात दोहराई है. मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संग बैठक में उन्होंने प्रदूषण को दिल्ली में कोरोना की तीसरी लहर की वजहों में से एक बताया. उन्होंने प्रधानमंत्री ने कहा कि वे पड़ोसी राज्यों में पराली जलने से होने वाले प्रदूषण से निजात दिलाने के लिए दखल दें. मुख्यमंत्री ने तीसरी लहर रहने तक केंद्र के सरकारी अस्पतालों में 1,000 अतिरिक्त आईसीयू बेड्स रिजर्व रखने की भी मांग की.
केजरीवाल ने पीएम मोदी को बताया कि दिल्ली में 10 नवंबर को 8,600 मामले सामने आए थे जो कोरोना की तीसरी पीक थी. उन्होंने कहा कि तब से नए मामले और पॉजिटिविटी रेट लगातार घट रहे हैं. दिल्ली सरकार बार-बार कह चुकी है कि प्रदूषण की वजह से दिल्ली में कोरोना बढ़ा है. एक दिन पहले, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री भी पराली जलने की वजह से बढ़े प्रदूषण को कोरोना की तीसरी लहर के पीछे वजह चुके हैं. सोमवार को दिल्ली सरकार के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार द्वारा गठित एयर क्वालिटी कमीशन के दफ्तर जाकर अपनी बात रखी थी.
केंद्र सरकार ने पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की वजह से दिल्ली में बढ़ने वाले प्रदूषण के मुद्दे पर एयर क्वालिटी कमीशन (एक्यूसी) बनाया है. दिल्ली विधानसभा की पर्यावरण समिति की चेयरपर्सन आतिशी ने कहा, “समिति ने कमीशन से मुलाकात कर पराली जलाने पर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों की जवाबदेही तय करने और केस दर्ज कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही, कमीशन से पंजाब और हरियाणा की सरकारों को बॉयो डीकंपोजर तकनीक से पराली का समाधान करने के लिए आदेश जारी करने का भी अनुरोध किया गया है.” केजरीवाल ने इसी मुद्दे पर पीएम से दखल देने की मांग की है.
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