वहीं, बस स्टाफ को भी पहले की तरह संचालक से महीने का पूरा पैसा मिलने की उम्मीद जगी है. फिलहाल, अधिकांश बसों के स्टाफ को आधा या इससे कम पैसे का भुगतान हो रहा है. उधर, झारखंड के अंदर चल रही बसों का व्यवसाय भी पहले की तुलना में अब सुधरने लगा है. करीब 80 फीसदी सीटें फुल जाने लगी हैं.
बिहार जानेवाली बसों में शनिवार से मंगलवार तक की 40 फीसदी सीटें खाली हैं. वहीं, स्टैंड में बसों की पूछताछ के लिए भी लोग पहुंच रहे हैं छठ के लिए बुधवार से बसों के लिए सीटों की अग्रिम बुकिंग भी शुरू हो गयी है. जानकारी के मुताबिक, छठ के समय बिहार व यूपी के लिए झारखंड से करीब 225 बसों का परिचालन होगा. इस दौरान बसों में काफी भीड़ होने का अनुमान है.
गुरुवार को खादगढ़ा बस स्टैंड पर जानेवाली बसों में कोविड-19 से पूर्व निर्धारित किराया ही एजेंट यात्रियों से लेते दिखे. नन एसी व एसी बसों के बीच भाड़े का अंतर करीब 100 से 150 रुपये दिखा. मुजफ्फरपुर के लिए बस पकड़ने खादगढ़ा बस स्टैंड पहुंचे बीके सिंह ने कहा कि पहले की तरह ही उन्होंने 600 रुपये किराया दिया है. पटना जानेवाले पंकज कुमार ने कहा कि वे 400 रुपये में पटना जा रहे हैं. पहले भी यही किराया देते थे.
पुराने किराये पर ही सही पहली बार शुक्रवार को बिहार जानेवाली बसों की सारी सीटें फुल हुई हैं. इससे उम्मीद जगी है कि आगे बस का व्यवसाय पुराने धर्रे पर लौटेगा. पर्व का समय है, ऐसे में बस संचालक व स्टाफ लोगों के लिए मुस्तैदी से खड़े हैं. सरकार हमारी परेशानी को ध्यान रख कर किराये में बढ़ोतरी करे.
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