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एनजीटी ने दिवाली को लेकर बहुत अधिक प्रदूषण से लेकर कम प्रदूषण वाले शहरों के लिए पटाखों के संदर्भ में सोमवार को आदेश जारी किया है। ट्रिब्यूनल ने दिल्ली-एनसीआर सहित देश के उन सभी शहरों में पटाखों पर प्रतिबंध लगा दी है जहां पर वायु की गुणवत्ता खराब है। यह पाबंदी 30 नवंबर तक रहेगी। राज्य सरकार एनजीटी के आदेश का अध्ययन कर रही है।
एनजीटी के आदेश में कहा गया है कि जिन शहरों में हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में होगी वहां ग्रीन पटाखा जलाने की अनुमति होगी। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव आरएल बक्शी के अनुसार राज्य के ज्यदात्तर शहरों में वायु प्रदूषण का स्तर मध्यम (मॉडरेट) श्रेणी का है। राज्य के शहरों में हवा में मौजूद पीएम 10 की मात्रा 100 से 110 के आसपास है। रांची की हवा में पीएम 10 (सूक्ष्म धूलकण) की मात्रा सोमवार को अधिकतम 105 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक दर्ज हुआ। पीएम 10 का औसत 100 मिलीग्राम प्रति क्यूबिक अनुमन्य है।
झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष पीके वर्मा ने सदस्य सचिव को राज्य के शहरों में प्रदूषण की नवीनतम रिपोर्ट मांगी जिसे देर शाम उपलब्ध करा दिया है। ज्ञात है कि राज्य में सर्वाधिक प्रदूषण धनबाद और झरिया में है।
राज्य के ज्यादात्तर शहरी क्षेत्रों में पीएम 10 मध्यम स्तर पर है। एनजीटी की ओर से ऐसे शहरों में ग्रीन पटाखे फोड़ने की सशर्त अनुमति का विकल्प दिया गया है। झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार अंतिम निर्णय ले सकती है। ग्रीन पटाखे आवाज से लेकर दिखने तक पारंपरिक पटाखों जैसे ही होते हैं, लेकिन इनके जलने से प्रदूषण अपेक्षाकृत कम होता है।
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