बिहार विधान सभा चुनावों के बीच राजद नेता तेजस्वी यादव की सभाओं में उमड़ रही भीड़ पर बीजेपी सूत्रों से तीखी प्रतिक्रिया आई है कि ऐसा हर बार होता है लेकिन ये भीड़ वोट में नहीं बदलते. बीजेपी सूत्रों ने कहा कि इससे पहले लालूजी की सभाओं में भी भीड़ आती थी. इसका प्रमुख कारण आरजेडी का मज़बूत एमवाय यानी मुस्लिम यादव वोटबैंक है. यह वोटबैंक मुखर और लामबंद है. आरजेडी के लिए यह भीड़ वोटों में भी तब्दील होगी. आरजेडी के वर्चस्व के इलाक़ों में ऐसी भीड़ जुटना स्वाभाविक है लेकिन पीएम मोदी की जनसभाओं के बाद बिहार का चुनावी माहौल बदल जाएगा.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक पीएम और सीएम की साझा सभाओं से एनडीए की एकता और ताकत दिखाई देगी. सूत्रों के मुताबिक, 2015 में आरजेडी के अच्छे प्रदर्शन का प्रमुख कारण एमवाय समीकरण में नीतीश कुमार के दलित, अतिपिछड़ों का जुड़ना भी रहा. इस बार ऐसा नहीं है. अगड़ी जातियाँ, दलित और अतिपिछड़े एनडीए के साथ रहेंगे.
बीजेपी सूत्रों के मुताबिक रोजगार के मुद्दे पर जनाकांक्षा स्वाभाविक है. इस मुद्दे पर जवाब दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, प्रवासी श्रमिकों के लिए नीतीश सरकार ने बड़े पैमाने पर कदम उठाए इसलिए नाराजगी की बात गलत है. सूत्रों के मुताबिक, पंद्रह साल के नीतीश के शासन के बाद लोगों में ऊब स्वाभाविक लेकिन विकल्पहीनता का लाभ मिलेगा. बीजेपी सूत्रों के अनुसार, इस चुनाव में लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान कोई फ़ैक्टर नहीं हैं.
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